मुंबई में पकड़ा गया 'डिजिटल लुटेरों' का गैंग, फर्जी डॉक्यूमेंट पर बनवा लिए थे 200 क्रेडिट कार्ड, ले रखा था लोन
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मुंबई की क्राइम ब्रांच यूनिट ने 'डिजिटल लुटेरों' को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी बैंक लोन के लिए संपर्क करने वाले लोगों के दस्तावेज जुटाते थे और फिर इन दस्तावेजों की मदद से बैंकों से क्रेडिट कार्ड बनवाते थे. आरोपियों ने बैंकों से लोन भी ले रखा था. चौंकाने वाली बात यह है कि आवेदकों को खुद के नाम पर ऋण होने की भनक तक नहीं लगती थी.
महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस ने एक ऐसे गैंग को पकड़ा है, जो डिजिटल वर्ल्ड में फर्जीवाड़ा कर रहा था. पुलिस ने दो महिलाओं समेत गिरोह के 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये बदमाश फर्जी डॉक्यूमेंट्स की मदद से बैंकों और वित्तीय संस्थानों को चूना लगा रहे थे. बैंकों से क्रेडिट कार्ड बनवाते थे और होम लोन भी लेते थे. जबकि आवेदकों को इस बारे में जानकारी तक नहीं लगने देते थे. मुंबई पुलिस ने पूरे खेल का खुलासा कर दिया है.
पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि गिरोह के सदस्यों ने उनसे संपर्क करने वाले लोगों के दस्तावेज जुटाए थे और अलग-अलग बैंकों से करीब 200 क्रेडिट कार्ड जारी करवा लिए थे. क्राइम ब्रांच की यूनिट-3 ने मुंबई के भांडुप, मुलुंड, कुर्ला और वडाला इलाकों में छापा मारा और आरोपियों को गिरफ्तार किया.
आरोपियों से यह सामान बरामद
आरोपियों के कब्जे से फर्जी आईटी रिटर्न, टीडीएस फॉर्म, बिजली बिल, विभिन्न कंपनियों के स्टांप और सील, चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) स्टांप, 10 स्वाइप मशीनें, 56 सिम, पैन कार्ड, आधार कार्ड, 14 मोबाइल फोन और 60,000 रुपये नकद बरामद किए हैं.
'पीड़ित से क्रेडिट कार्ड के नाम पर लिए थे दस्तावेज'
पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले एक पीड़ित के अनुसार, गिरोह के सदस्यों ने उसके साथ धोखाधड़ी की थी. आरोपियों ने उसे क्रेडिट कार्ड और होम लोन दिलाने का वादा किया था और उसके नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाए थे. आरोपियों ने क्रेडिट कार्ड और होम लोन लेने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए शिकायतकर्ता से करीब 4.50 लाख रुपये लिए थे, लेकिन वादा पूरा नहीं किया.
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