मुंबई: कोरोना के बाद अब मॉनसून का खतरा, डॉक्टरों ने इन बीमारियों से किया सचेत, बताए उपाय
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कोरोना की मार के बीच मुंबई के सामने एक बड़ी चुनौती आ गई है, वो है मॉनसून. मुंबई में बारिश के दौरान काफी दिक्कतें होती हैं, ऐसे में अब एक्सपर्ट्स को चिंता है कि कोरोना की मार के बीच बारिश के दौरान होने वाली बीमारियां मुश्किलें बढ़ा सकती हैं.
कोरोना की मार झेल चुकी मुंबई के हालात अब कुछ हदतक सुधर रहे हैं. बीते कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में कमी आई है, हालांकि पाबंदियां अब भी जारी हैं. लेकिन अब मुंबई के सामने एक बड़ी चुनौती आ गई है, वो है मॉनसून. मुंबई में बारिश के दौरान काफी दिक्कतें होती हैं, ऐसे में अब एक्सपर्ट्स को चिंता है कि कोरोना की मार के बीच बारिश के दौरान होने वाली बीमारियां मुश्किलें बढ़ा सकती हैं. बारिश के मौसम में होने वाली ऐसी ही मुश्किलों को लेकर बीएमसी के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने चेताया है. बीएमसी की हेल्थ ऑफिसर डॉ. मंगला गोमरे का कहना है कि अगर लोग बारिश के पानी के संपर्क में आएं, तो उन्हें सावधान रहने की ज़रूरत है. इस दौरान अगर बुखार या कुछ अन्य लक्षण आते हैं, तो वो लेप्टोस्पायरोसिस के संकेत हो सकते हैं. ये गंदे पानी से फैलता है, जिसमें सिरदर्द, बुखार, कंपन जैसे लक्षण होते हैं.मॉनसून में बढ़ता है इन बीमारियों का खतरा... सीनियर फिजिशियन डॉ. आशीष तिवारी के मुताबिक, मॉनसून के दौरान कई तरह की बीमारी होती हैं, लेकिन जो सबसे अधिक देखने को मिलती हैं वो खांसी, ठंड, इन्फ्लूएंजा, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफाइड जैसी बीमारियां हैं. इन सभी बीमारियों का मॉनसून के दौरान होना बढ़ जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मॉनसून के दौरान कई बीमारियां हवा से फैलती हैं, तो कई मच्छर और पानी की वजह से फैलती हैं. हवा के कारण ठंड, फ्लू आदि हो सकता है, तो वहीं मच्छर की वजह से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी बीमारी हो सकती हैं. रुका हुआ पानी या गंदा पानी ऐसी बीमारियों को बढ़ावा देता है. हैजा, टाइफाइड, पीलिया वो बीमारी हैं, जो पानी, खाने और गंदगी के कारण फैल सकती हैं. इस दौरान उल्टी होना, आंखों का पीला होना जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं. एक्सपर्ट्स की मानें, तो इन सभी बीमारियों में जो कॉमन है, वह बुखार है. ऐसे में कोविड के वक्त में बुखार को लेकर ध्यान रखना होगा और तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना है, ऐसा ही डॉक्टर्स को भी करना होगा उन्हें बुखार के वक्त कोविड के अलावा अन्य बीमारियों को भी ध्यान में रखना होगा. कैसे किया जा सकता है बचाव? इन बीमारियों से बचने को लेकर भी एक्सपर्ट्स ने उपाय बताए हैं, जिसमें नाक और मुंह को ढके रखना, खासकर छींक और खांसी के वक्त. मास्क को इस्तेमाल, सफाई का ध्यान रखना. साफ पीने का पानी पीना, अपने आसपास पानी को ठहरने ना देना.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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