महाराष्ट्र: महाबलेश्वर में अब मिलेगा लाल-हरे रंग के चावल का स्वाद, उत्पादन शुरू
AajTak
हरा और लाल चावल अलग-अलग तरह से फायदेमंद हैं. चावल में 96 फीसदी फाइबर होता है. यह वसा रहित चावल भी होता है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, पोषक तत्व और विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं. यह चावल फाइबर, आयरन, मैंगनीज से भी भरपूर होता है.
महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में लाल और हरे धान की बुवाई की गई है. वैज्ञानिकों ने इससे पहले नीले चावल की बुवाई कराई थी. महाबलेश्वर के कृषि विभाग के लिए यह बड़ी सफलता है. महाराष्ट्र के सतरा जिले का यह इलाका मिनी कश्मीर कहा जाता है. प्रयोग के तौर पर बनाया गया पौष्टिक हरा और लाल धान, अब पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा. बीरवाड़ी के एक किसान समीर चह्वाण ने अपने खेत में एसआरटी तकनीक का उपयोग किया है. यहां सगुना धान का उत्पादन किया जाएगा.स्वाति मालीवाल ने कहा, 'विभव ने मुझे 7-8 थप्पड़ पूरी जोर से मारे. जब मैंने उन्हें पुश करने की कोशिश की तो उन्होंने मेरा पैर पकड़ लिया और मुझे नीचे घसीट दिया, उसमें मेरा सिर सेंटर टेबल से टकराया. मैं नीचे गिरी और फिर उन्होंने मुझे लातों से मारना शुरू किया. मैं बहुत जोर-जोर से चीख-चीखकर हेल्प मांग रही थी लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया.'
राहुल गांधी लगातार जिस तरह कांग्रेस पार्टी और अपने पूर्वजों को घेर रहे हैं उससे क्या कांग्रेस का नुकसान नहीं हो रहा है? पर इसे इतने साधारण रूप में भी नहीं लिया जा सकता है. हो सकता है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना बेहतर कम्युनिकेटर न हों, बेहतर संगठनकर्ता न हों पर ऐसा भी नहीं हैं कि उन्हें रणनीतिकार के तौर पर भी खारिज कर दिया जाए.