
महाराष्ट्र की सियासत की थ्रिलर स्टोरी: जब NCP के दो युवा नेताओं ने BJP को किया था 'चेकमेट'
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सुधीर सूर्यवंशी की एक किताब 'चेकमेट: हाऊ द बीजेपी वन एंड लॉस्ट द स्टेट' आई है. इस किताब में नवंबर 2019 में महाराष्ट्र में बीजेपी की हाथ से सत्ता के फिसल जाने जाने की थ्रिलर स्टोरी को बताया गया है.
महाराष्ट्र की सियासत किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं रही है. कभी पांच साल में तीन बार सीएम बदले जाते हैं तो कभी धुर-विरोधी पार्टियां मिलकर सरकार बना लेती हैं. महाराष्ट्र की सियासत पर एक किताब आई है, जिसने 2019 के उन राज से पर्दा उठा दिया है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हाथ में आई सत्ता कैसे फिसल गई थी.
हाल ही में महाराष्ट्र के ही पत्रकार सुधीर सूर्यवंशी की एक किताब 'चेकमेट: हाऊ द बीजेपी वन एंड लॉस्ट द स्टेट' आई है. इस किताब में नवंबर 2019 में महाराष्ट्र की राजनीति में हुए उथल-पुथल का जिक्र किया गया है और महाराष्ट्र में बीजेपी की हाथ से सत्ता के फिसल जाने जाने की थ्रिलर स्टोरी को बताया गया है.
क्या है पूरी कहानी 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर तो सामने आई थी, लेकिन शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने की वजह से सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी. बाद में एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस ने मिलकर महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी मोर्चा का सरकार का गठन किया.
खुद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार इस गठबंधन और सरकार के शिल्पकार थे, लेकिन बीजेपी ने महाविकास अघाड़ी सरकार को गिराने और अपनी सरकार बनाने के लिए एक प्लान तैयार किया. सुधीर सूर्यवंशी की किताब में बताया गया है कि कैसे 2019 में बीजेपी ने सरकार बनाने की कोशिश की और एनसीपी के युवा नेताओं ने सत्ता बचा ली.
दरअसल, 2019 का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने शिवसेना के साथ मिलकर लड़ा था. बीजेपी 105 सीटों पर जीती और शिवसेना के खाते में 56 सीट आई. बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश की लेकिन शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की डिमांड रख दी थी. इसके बाद यह गठबंधन टूट गया.
शिवसेना, एनसीपी (54 सीट) और कांग्रेस (44 सीट) के साथ सरकार बनाने की कवायद करने लगी. यह सारी कवायद चल रही थी, तभी शरद पवार के भतीजे अजित पवार को अपने वाले में लाकर बीजेपी नेता देवेंद्र फणनवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया.

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