
महागठबंधन बनाकर भाजपा को नहीं हराया जा सकता, वर्ष 2015 के बाद के प्रयोग असफल रहे: प्रशांत किशोर
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प्रशांत किशोर ने कहा कि सिर्फ महागठबंधन बनाकर भाजपा को नहीं हराया जा सकता, देश में 2015 के बाद जहां भी महागठबंधन के प्रयोग हुए वो असफल रहे. प्रशांत किशोर ने कहा कि उसके बाद किसी भी राज्य में महागठबंधन भाजपा को हरा नहीं पाया है. क्योंकि आप भाजपा को दलों का साथ जोड़कर नहीं हरा सकते हैं.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में एक आमसभा को संबोधित किया. प्रशांत किशोर ने इस दौरान कहा कि सिर्फ महागठबंधन बनाकर भाजपा को नहीं हराया जा सकता, देश में 2015 के बाद जहां भी महागठबंधन के प्रयोग हुए वो असफल रहे. प्रशांत किशोर ने कहा कि हमें सबसे पहले ये समझना होगा की जन सुराज कोई दल नहीं हैं और ना ही हम कोई वोट मांगने आए हैं. आप जिसको वोट देते हैं उसको ही वोट दीजिए, क्योंकि आप ये समझ ही नहीं पा रहें हैं कि आपकी लड़ाई किस से है.
"आपकी लड़ाई कॉफी से है लेकिन आप झाग से लड़ रहे हैं" उन्होंने कहा "आपकी लड़ाई कॉफी से है लेकिन आप झाग से लड़ रहे हैं". ऐसा कभी नहीं हो सकता है कि सारे दल एक साथ आ जाए तो भाजपा हार जाएगी, लेकिन ऐसा एक बार हुआ है वो भी 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में उस महागठबंधन ने मिलकर भाजपा को हरा दिया था तब उस महागठबंधन की नींव हमने रखी थी.
आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि उसके बाद किसी भी राज्य में महागठबंधन भाजपा को हरा नहीं पाया है. क्योंकि आप भाजपा को दलों का साथ जोड़कर नहीं हरा सकते हैं. भाजपा को हराने के लिए विचारधारा की जरूरत है जिसके लिए कोई भी दल भाजपा की तरह काम नहीं कर रहा है.
सिवान से पदयात्रा के 135वें दिन की शुरुआत प्रशांत किशोर ने सोमवार को पदयात्रा के 135वें दिन की शुरुआत सीवान के सानी बसंतपुर गांव में शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से की. इसके बाद प्रशांत किशोर पदयात्रा के लिए निकले. कई इलाकों से होते हुए पदयात्रा उखाई क्रिकेट ग्राउंड स्थित जन सुराज पदयात्रा शिविर में पहुंची. इस दौरान पीके ने लोगों को संबोधित किया, जिसमें राज्य के सत्ता पक्ष, विपक्ष और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने लोगों को उनकी गलतियां सुधारने की नसीहत दी.
सीवान के गोरेयाकोठी में प्रशांत किशोर ने कहा कि आज सबसे ज्यादा अशिक्षा, बेरोजगारी बिहार में है. बहुत सारे लोगों ने बहुत तरीके से प्रयास किए. पहले कांग्रेस को वोट दिया. फिर 15 साल तक गरीब के लड़के लालू को वोट दिया. फिर हमने कहा कि पढ़े-लिखे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाओ. इसमें 17 साल से नीतीश कुमार भी बैठे रहे. इतना ही नहीं पीएम मोदी को भी वोट देकर देख लिया, लेकिन बिहार की दशा नहीं सुधरी. पुराना रोग होता है, जिसकी नब्ज आसानी से पकड़ नहीं आती है. बिल्कुल वैसी स्थित बिहार की समस्याओं की है. हम ये बताने के लिए पैदल चल रहे हैं कि आपकी ये दुर्दशा है क्यों है?

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