मरीजों के रेमडेसिविर चुराकर ब्लैक में बेचते मेडिकल के छात्र, उज्जैन पुलिस ने किया भंडाफोड़
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पुलिस को कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि उज्जैन में कुछ लोग महंगे दामों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच रहे हैं. सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया और कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए लोगों के पास से पुलिस ने कुछ रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए हैं
मध्य प्रदेश के उज्जैन में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के एक गिरोह का उज्जैन पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. हैरानी की बात है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को ऊंची कीमत पर बेचने वाली इस गैंग में मेडिकल कॉलेज के 3 छात्र भी शामिल हैं जो फाइनल ईयर के स्टूडेंट हैं. दरअसल, पुलिस को कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि उज्जैन में कुछ लोग महंगे दामों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच रहे हैं. सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया और कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए लोगों के पास से पुलिस ने कुछ रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए हैं. पुलिस के मुताबिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि कोरोना काल मे फिलहाल जो रेमडेसिविर इंजेक्शन अस्पतालों को सप्लाई किए जाते थे यह उसमें से ही कुछ इंजेक्शन चुरा लेते थे और उसे ब्लैक में करीब 30 हज़ार रुपए तक दाम पर बेचते थे.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.