
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ सपा ने दिखाई ताकत, राजस्थान में RLD दिखाएगी तेवर?
AajTak
राजस्थान में आरएलडी पिछले चुनाव में दो सीटों पर लड़ी थी, जिनमें से एक सीट पर जीत हासिल की थी. इस बार जयंत चौधरी पांच सीटों पर प्रचार कर चुके हैं. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि आरएलडी की ओर से कांग्रेस पर अधिक सीटें देने का दबाव बनाया जा रहा है.
मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. अब यूपी में सपा की सहयोगी और I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकदल चुनावी राज्य राजस्थान में कम से कम छह सीटों की मांग करने की योजना बना रही है.
आंकड़ों के मुताबिक, जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली आरएलडी ने पिछली बार राजस्थान की दो सीटों, भरतपुर और मालपुर पर चुनाव लड़ा था, जिसमें आरएलडी ने भरतपुर सीट पर जीत हासिल की थी. आरएलडी प्रत्याशी सुभाष गर्ग ने बीजेपी से करीब 15 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. गर्ग राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत कैबिनेट में भी मंत्री थे. वहीं दूसरी सीट यानी मालपुरा से आरएलडी करीब 30 हजार वोटों से हार गई.
हालांकि इस बार आरएलडी जो कांग्रेस के सहयोगी के रूप में राजस्थान में चुनाव लड़ रही है, उसकी नजर राज्य के जाट बहुल जिलों पर है. सूत्रों के अनुसार, राजस्थान की कुल 200 में से करीब 40 विधानसभा सीटों पर जाटों का प्रभाव है, जो एक तरह से मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी की तर्ज पर जयंत को अधिक सीटों की मांग करने का एक और कारण देता है.
इसके अलावा, जयंत अब तक राज्य की लगभग 5 विधानसभा सीटों पर प्रचार कर चुके हैं. यूपी में आरएलडी नेताओं का मानना है कि कांग्रेस से अधिक सीटें मांगने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि हर पार्टी हर चुनाव में अपना विस्तार करना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक, आरएलडी राजस्थान में दलित वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद से मदद मांग सकती है.
यूपी के डिप्टी सीएम क्या बोले?
जब यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि यह गठबंधन भ्रष्ट लोगों से भरा है जो किसी भी कीमत पर सरकार बनाना चाहते हैं और यह केवल बीजेपी ही है जो सभी चुनावी राज्यों में बदलाव ला सकती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन का स्वागत बहुत ही गर्मजोशी के साथ किया. इस मुलाकात की सबसे खास बात वह तोहफा था, जो प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दोस्त पुतिन को दिया. डिनर के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को रूसी भाषा में लिखी श्रीमद्भगवद्गीता की एक प्रति भेंट की. यह उपहार उनकी दोस्ती और सम्मान को दर्शाता है. जानें कैसा रहेगा पुतिन का आज का शेड्यूल?

Delhi Traffic Advisory: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली के कई मार्गों पर ट्रैफिक प्रभावित रहेगा. दिल्ली में पुतिन का आज (शुक्रवार) मुख्य कार्यक्रम है. जिसकी वजह से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कुछ मार्गों से बचने की सलाह दी गई है.

पीएम मोदी से दोस्ती, ट्रंप टैरिफ और यूक्रेन जंग... पुतिन का पूरा Super Exclusive इंटरव्यू यहां पढ़ें
क्रेमलिन में 'आजतक' को दिए Super Exclusive इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तमाम सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. इसके अलावा पुतिन ने ट्रंप टैरिफ, यूक्रेन जंग समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की.

आजतक ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मोदी से दोस्ती, ट्रंप टैरिफ और यूक्रेन जंग पर खुलकर अपने विचार रखें. बातचीत के दौरान पुतिन ने भारत की जमकर तारीफ की. पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी अगुवाई में भारत विदेशी दबाव में कभी नहीं आएगा. भारत के लोग गर्व कर सकते हैं कि उनका पीएम किसी के दबाव में नहीं आते हैं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ आजतक की खास बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे रूस में gen z से जुड़ाव होता है. पुतिन ने कहा कि यह नया विषय नहीं है क्योंकि साहित्य और कला में हमेशा विरोधाभास होते रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आज की युवा पीढ़ी की मानसिकता पर टेलीग्राम और फोन के माध्यम से काफी प्रभाव डाला जाता है. यह संवाद रूस की युवा मानसिकता और उनके माध्यमों की समझ को उजागर करता है जिससे बेहतर तरीके से जुड़ा जा सके.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन गुरुवार शाम दो दिन की भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे. यात्रा के दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. शुक्रवार को सम्मान समारोह, राजघाट पर श्रद्धांजलि, द्विपक्षीय बैठक और प्रेस बयान का कार्यक्रम तय है. दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया है.







