मणिपुर में घात लगाकर हमला, स्पेशल फोर्स के जवान समेत दो की मौत, कांगपोकपी जिले में 'बंद' का आह्वान
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मणिपुर में एक बार फिर हमले की खबर आई है. वहां सोमवार को कांगपोकपी जिले में सशस्त्र हमलावरों ने एक मारुति जिप्सी पर घात लगाकर हमला किया है. इस हमले में इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के एक जवान और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई है.
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में घात लगाकर हमला किया गया है. इसमें इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) का एक जवान और एक नागरिक की मौत हो गई. मरने वालों की पहचान लीमाखोंग मिशन वेंग गांव के हेनमिनलेन वैफेई (आईआरबी) और इंफाल पश्चिम जिले के हुनखो कुकी गांव के थांगमिनलुन हैंगिंग के रूप में की गई है.
यह हमला हरओथेल और कोबशा गांवों के बीच हुआ. एक मारुति जिप्सी में आईआरबी कर्मी और ड्राइवर जा रहा था, इसी बीच गोलीबारी शुरू हो गई. हमले के दौरान हेनमिनलेन वैफेई और थांगमिनलुन हैंगसिंग गंभीर रूप से घायल हो गए. बाद में दोनों की मौत हो गई.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमले के बाद इलाके में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है. घटना में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाश की जा रही है.
इस बीच, एक आदिवासी संगठन ने दावा किया कि कुकी-जो समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया है. कांगपोकपी जिले में 'बंद' घोषित कर दिया गया है. कांगपोकपी में स्थित आदिवासी एकता समिति (सीओटीयू) ने स्थानीय लोगों से 'बंद' में मदद करने की अपील की है. सीओटीयू ने एक बैठक में मांग रखी कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में आदिवासियों के लिए एक अलग प्रशासन की व्यवस्था करे.
6 महीने से जल रहा है मणिपुर
तीन मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने 'आदिवासी एकता मार्च' निकाला. ये रैली चुरचांदपुर के तोरबंग इलाके में निकाली गई. ये रैली मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ निकाली गई थी. मैतेई समुदाय लंबे समय से अनुसूचित जनजाति यानी एसटी का दर्जा देने की मांग हो रही है. इसी रैली के दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसक झड़प हो गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. शाम तक हालात इतने बिगड़ गए कि सेना और पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियों को वहां तैनात किया गया.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी से सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात की. भाजपा के तीनों नेताओं ने रविवार को मोदी-3.0 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तीनों वरिष्ठ नेताओं से योगी आदित्यनाथ की यह पहली मुलाकात है.