मणिपुर पर क्यों नहीं बोले PM, सीएम को क्यों नहीं हटाया... अमित शाह ने दिए विपक्ष के इन 5 सवालों के जवाब
AajTak
अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को दूसरे दिन चर्चा हुई. इसमें सुबह राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा. वहीं शाम को गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में बोले. उन्होंने मणिपुर पर बात की. इसके अलावा विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. और राहुल गांधी पर निशाना साधा.
अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में बुधवार को जोरदार चर्चा हुई. सुबह पहले सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा, तो शाम को गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. पर करारा प्रहार किया. शाह ने अपने संबोधन में ये बात बार-बार कही कि विपक्षी गठबंधन को सरकार में अविश्वास हो सकता है, लेकिन देश की जनता को पीएम मोदी में पूरा विश्वास है.
बुधवार को राहुल गांधी ने मणिपुर की महिलाओं का दर्द बताकर भारत माता की हत्या कर दिए जाने की बात के साथ सरकार को घेरना चाहा तो स्मृति इरानी ने कश्मीर, बंगाल, सिख दंगा, राजस्थान, असम तक महिलाओं के साथ हुए पुराने अत्याचारों की लंबी फाइल खोलकर जवाब दिया.
फिर शाम को अमित शाह सदन में आए. उन्होंने दो घंटे का लंबा भाषण दिया. इसमें 40 मिनट मणिपुर पर बात की गई. इसमें मणिपुर पर उन्होंने बहुत सारे सवालों के जवाब दिए.
देखिए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की पूरी कवरेज
अपनी बात की शुरुआत में शाह ने कहा, 'इन लोगों (कांग्रेस) ने नॉर्थ ईस्ट के लिए कुछ नहीं किया है. गौरव गोगोई कह रहे हैं आग की लपटें, मणिपुर में क्यों हुई. आपके समय में आठों राज्य (नॉर्थ ईस्ट के) हिंसा में घिरे हुए थे. छह हजार लोग मारे गए थे.'
इसके बाद लगातार चालीस मिनट से ज्यादा गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर की उसी हिंसा पर जवाब देते रहे, जिसको लेकर संसद के मानसून सत्र का पहला हिस्सा हंगामे में बर्बाद गया है.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.