
भोपाल गैस कांड : पेंशन दो शिवराज सरकार, 18 महीने से 5000 विधवाएं लगा रहीं गुहार
AajTak
इंदिरा रावत के पति भोपाल गैस त्रासदी पीड़ित थे. उनकी मौत कैंसर की वजह से हुई थी. पति की मौत के बाद इंदिरा पर अपने दिव्यांग बेटे और विधवा बेटी के भरण-पोषण की जिम्मेदारी है. वह घरेलू कामकाज और कपड़े सिलकर अपने परिवार को पालती हैं.
भोपाल गैस कांड की वजह से विधवा हुई महिलाएं, पेंशन बंद होने से परेशान है. उनको मिलने वाली 1000 रुपये की पेंशन राशि पिछले 18 महीनों से नहीं मिली है. भोपाल गैस कांड राहत एवं पुनर्वास से जुड़े मामलों के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि गैस पीड़ित महिलाओं को बीजेपी के वक्त पेंशन मिलती थी. लेकिन कमलनाथ सरकार के दौरान इसे रोक दिया गया. इसे जल्द ही दोबारा शुरू किया जाएगा. हालांकि सारंग इससे पहले भी कई बार यह आश्वासन दे चुके हैं. लेकिन इस दिशा में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.









