
भारत पर अफगानिस्तान के बयान से पाकिस्तान की बढ़ेगी टेंशन
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अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में अब तक भारत की भूमिका ना के बराबर रही है. हालांकि, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि शांति प्रक्रिया में भारत की भूमिका काफी अहम है. अगले आने वाले दिनों में भारत अफगानिस्तान को लेकर होने वाली कई अहम बैठकों में भी हिस्सा लेने वाला है.
अफगानिस्तान की सरकार ने देश की शांति प्रक्रिया में भारत की व्यापक भूमिका का समर्थन किया है. भारत दौरे पर आए अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ अतमर ने सोमवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात की. अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने बताया कि उन्होंने इस मुलाकात में राष्ट्रपति अशरफ गनी की नई शांति योजना, अफगानिस्तान के तमाम पक्षों के बीच चल रही वार्ता और मास्को में पिछले सप्ताह हुई बैठक के बारे में चर्चा की. अफगानिस्तान में भारत ने अब तक खुद को सिर्फ विकास कार्यों तक ही सीमित रखा है लेकिन तेजी से बदलती परिस्थितियों में भारत भी अपनी भावी भूमिका को लेकर सक्रिय हो गया है. अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेना को बुलाने के लिए डेडलाइन तय कर दी है, ऐसे में भारत की ये भी चिंता है कि वहां तालिबान और उसको संरक्षण देने वाले पाकिस्तान का प्रभाव बढ़ सकता है. भारत ने हमेशा से अफगानिस्तान में अफगान नीत और अफगान नियंत्रित शांति प्रक्रिया का समर्थन किया है और इसी वजह से तालिबान के साथ अमेरिका की शांति वार्ता से भी दूरी बनाए रखी. अमेरिका के नेतृत्व में हो रही शांति वार्ता में पाकिस्तान, रूस, ईरान और चीन अहम पक्षकार के तौर पर शामिल हैं. पाकिस्तान नहीं चाहता है कि अफगानिस्तान को लेकर हो रही शांति वार्ता में भारत की किसी भी तरह की भूमिका हो और उसे अपनी शर्तें रखने का मौका मिले. अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के इस बयान से जाहिर तौर पर पाकिस्तान की चिंता बढ़ेगी.
कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.








