भारत को कार्रवाई की धमकी के बाद ईयू पलटा, अब कही ये बात
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यूरोपीय यूनियन ने एक महीने पहले कहा था कि भारत रूस के तेल को रिफाइन कर यूरोप को बेच रहा है जो रूसी तेल पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन है. ईयू ने कहा था कि उसे भारत के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. भारत ने कार्रवाई की धमकी पर तीखा पलटवार किया था. अब एक महीने बाद ईयू ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण जारी किया है.
रूसी तेल को रिफाइन कर यूरोपीय देशों को बेचने पर भारत को धमकी देने के एक महीने बाद यूरोपीय यूनियन (EU) अपने बयान से पीछे हट गया है. अब ईयू ने भारत पर कार्रवाई की धमकी वाले बयान पर एक स्पष्टीकरण जारी कर भारत को दोष देने के बजाए यूरोपीय कंपनियों पर निशाना साधा है. ईयू का कहना है कि भारत को दोष नहीं दिया जा सकता. रूसी तेल पर प्रतिबंध के बावजूद यूरोप की कंपनियां उसे खरीद रही हैं, उस पर चुप नहीं रहा जा सकता.
यूरोपीय यूनियन की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल का यह स्पष्टीकरण इसी हफ्ते ईयू डिप्लोमेटिक सर्विस वेबसाइट पर छपा है जिसमें वो कह रहे हैं, 'अगर भारतीय रिफाइनर यूरोपीय देशों को रूसी तेल बेच रहे हैं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि यूरोपीय कंपनियां सीधे या किसी मध्यस्थ के जरिए खरीद रही हैं ... लेकिन इसके लिए कौन जिम्मेदार है - बेचने वाला या खरीदने वाला?'
उन्होंने भारत पर कार्रवाई वाले अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, 'जब मैंने सस्ते रूसी तेल के रिफाइंड प्रोडक्ट्स को भारत द्वारा हमें बेचने का मुद्दा उठाया तो यह भारत सरकार की आलोचना करने के लिए नहीं था. बल्कि मेरा यह मतलब था कि यूरोपीय यूनियन की कंपनियां मूल रूप से रूसी तेल के रिफाइंड प्रोडक्ट्स को खरीदकर रूस पर लगे प्रतिबंधों को दरकिनार कर रही हैं और हम उस पर आंख मूंदकर नहीं बैठ सकते.'
विदेश मंत्री की बात से सहमत दिखे बोरेल
भारत पर कार्रवाई की धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बोरेल को ईयू काउंसिल रेगुलेशन पढ़ने की सलाह दे डाली थी.
उन्होंने कहा था, 'मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप यूरोपीय यूनियन के रेगुलेशन को देखें. रूसी तेल को किसी तीसरे देश में रिफाइन किया जा रहा है. रिफाइन ऑयल को रूसी तेल नहीं माना जाता है. मैं आपसे ईयू के 833/2014 रेगुलेशन को देखने का आग्रह करता हूं.'
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