'भारत के आर्थिक चमत्कार का हिस्सा बनना चाहता है अमेरिका', अमेरिकी मंत्री का बड़ा बयान
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दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनल्ड लू ने कहा है कि भारत की प्रगति ने केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के आर्थिक चमत्कार में भागीदार बनना चाहता है.
दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत जितना अधिक विकास करेगा, यह भारत के लिए ही नहीं बल्कि अमेरिका और विश्व के लिए भी उतना ही फायदेमंद होगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका, नई दिल्ली के आर्थिक चमत्कार का हिस्सा बनना चाहता है. वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद, भारत पिछले कई वर्षों से सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख विश्व अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जिसकी अर्थव्यवस्था अब 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की है.
भारत ने अब एक दशक में 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने और 2047 तक एक विकसित देश बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. एक इंटरव्यू के दौरान डोनाल्ड लू ने कहा, 'हम आपके (भारत) आर्थिक चमत्कार का हिस्सा बनना चाहते हैं. एक समृद्ध भारत के पास जलवायु परिवर्तन और भविष्य की महामारियों जैसी वैश्विक समस्याओं से निपटने के लिए अधिक संसाधन होंगे.'
उन्होंने कहा कि अमेरिका को इस बात पर गर्व है कि वह दो लाख से अधिक भारतीय छात्रों की मेजबानी करता है, जो अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, 'दरअसल, कुछ दिन पहले ही हमने भारत के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े दखे, जिससे पता चलता है कि हमारे द्विपक्षीय व्यापार और वस्तु व्यापार में सात फीसदी की अतिरिक्त वृद्धि हुई है. इससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को विस्तार करने में मदद मिलेगी और स्पष्ट है कि और इसमें अधिक प्रगति की गुंजाइश है. ट्रेड पॉलिसी फोरम, वाणिज्यिक संवाद, सीईओ फोरम के दौरान हुई हमारी बातचीत ने हमारी अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने में मदद की.'
उन्होंने आगे कहा, 'साथ ही, इस साल जनवरी में शुरू की गई क्रिटिकल इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज की पहल के माध्यम से हम अंतरिक्ष से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी भविष्य की तकनीकों पर अपने सहयोग को और मजबूत करना करना चाहते हैं. हम आपके आर्थिक चमत्कार का हिस्सा बनना चाहते हैं.'
भारत के साथ अमेरिकी वस्तु और सेवा व्यापार 2019 में लगभग 146.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो 2022 में बढ़कर 192 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया. इस साल, अमेरिका चीन को पछाड़ते हुए भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है. राष्ट्रपति जो बाइडेन जब वे उपराष्ट्रपति थे तो उन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था कि द्विपक्षीय व्यापार का वार्षिक लक्ष्य 500 बिलियन अमरीकी डालर होना चाहिए.
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में, भारत को 81.72 बिलियन अमरीकी डालर की राशि का अब तक का सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ. अमेरिका 2020-21 के दौरान 13.82 बिलियन अमरीकी डालर के निवेश के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा एफडीआई स्रोत बन गया. भारतीय FDI के लिए अमेरिका शीर्ष 5 निवेश स्थलों में से एक है.