
भारत-इजरायल को क्यों दी छूट? अमेरिका पर भड़का पाकिस्तान
AajTak
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने नवंबर में धार्मिक स्वतंत्रता पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की थी. इसमें चीन के साथ-साथ पाकिस्तान का भी नाम चिंताजनक स्थिति वाली लिस्ट में शामिल किया गया है. इस लिस्ट में भारत को नहीं शामिल करने पर पाकिस्तान ने हैरानी जताई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टों ने अमेरिका पर भड़कते हुए कहा है कि यह एक हद तक पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक लिस्ट है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने नवंबर 2022 में चीन, रूस, ईरान, सऊदी अरब और उत्तर कोरिया सहित अन्य 11 देशों के साथ पाकिस्तान को भी धार्मिक स्वतंत्रता के लिए इस साल 'अत्यंत चिंताजनक स्थिति वाले देश' या 'विशेष निगरानी सूची' में रखा था. अमेरिका ने में बताया था कि निगरानी सूची में शामिल देश के नागरिक धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन का सहन करते हैं. इसे लेकर पाकिस्तान ने फिर से कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. पाकिस्तान को इस बात से ज्यादा दिक्कत है कि इस सूची से भारत को क्यों बाहर रखा गया.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो ने अमेरिका पर भड़कते हुए कहा है कि वॉशिंगटन ने यह लिस्ट पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण और राजनैतिक दृष्टिकोण से बनाई है. जरदारी ने कहा कि ये लिस्ट देखकर मैं हैरान हूं कि इस लिस्ट में भारत को नहीं शामिल किया गया है.
सिंगापुर के आधिकारिक दौरे के दौरान न्यूज एशिया चैनल को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि पूरी सूची देखकर ऐसा लगता है कि यह पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक है.
भारत को नहीं शामिल करने से हैरान
विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि इस सूची में भारत को शामिल नहीं किया गया है. जबकि वहां मानवाधिकार और विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता व्यक्त की जाती रही है. वहीं, मध्य पूर्व में अमेरिका के एक अन्य सहयोगी देश इजरायल को भी इस सूची से बाहर रखा गया है जबकि वहां के मुस्लिम अल्पसंख्यकों की हालत किसी से छुपी नहीं है.
पाकिस्तान में धार्मिक भेदभाव को स्वीकार किया

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







