
ब्रिटेन ने पहली बार किया UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन, जानें क्या है वजह?
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ब्रिटेन ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है. ब्रिटेन सरकार ने संसद के समक्ष जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें इंडो पैसिफिक क्षेत्र पर विशेष तौर पर ध्यान दिया गया है. ब्रिटेन का कहना है कि वह भारत के साथ एफटीए को आगे बढ़ाने को लेकर गंभीर है और भारत सहित ब्राजील, जापान और जर्मनी का यूएनएससी के स्थाई सदस्य के तौर पर स्वागत करने के लिए तैयार है.
ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है. इस संबंध में ब्रिटेन सरकार ने रक्षा और विदेश नीति समीक्षा रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश की. इस रिपोर्ट में यूएनएससी में भारत को स्थाई सदस्यता देने की वकालत की गई है.
ऐसा पहली बार हुआ है कि ब्रिटेन सरकार ने भारत को सुरक्षा परिषद में स्थाई तौर पर सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया है. 'इंटीग्रेटेड रिव्यू रिफ्रेश 2023:रिस्पॉन्डिंग टू ए मोर कंटेस्टेड एंड वोलेटाइल वर्ल्ड' नाम की इस रिपोर्ट का झुकाव साफतौर पर इंडो पैसिफिक यानी हिंद प्रशांत क्षेत्र की ओर है. ब्रिटेन सरकार का कहना है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र केवल झुकाव नहीं बल्कि ब्रिटेन की विदेश नीति का एक स्थाई स्तंभ है. ब्रिटेन दरअसल भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में काम करने पर फोकस रखे हुए है.
हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर फोकस
इस रिपोर्ट में हिंद प्रशांत क्षेत्र में जारी शक्ति संघर्ष पर चिंता जताते हुए कहा गया है ब्रिटेन सरकार यूएनएससी के सुधार का समर्थन करना जारी रखेगी और भारत, ब्राजील, जापान और जर्मनी को यूएनएससी के स्थाई सदस्यों के तौर पर शामिल किए जाने का स्वागत करेगी.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के विदेश मामलों के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमने पहली बार यूके पॉलिसी डॉक्यूमेंट को शामिल किया है और इससे संसद के समक्ष पेश किया है. हम यूएनएससी सुधारों का समर्थन करना जारी रखेंगे. हम यूएनएससी में अफ्रीका की स्थाई सदस्यता का भी समर्थन करते हैं.
उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंध हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. हम बहुत स्पष्ट हैं कि हम 2030 रोडमैप पर काम करने जा रहे हैं और भारत के साथ एफटीए करार को आगे बढ़ाना चाहते हैं. हमने भारत के साथ बीते कुछ सालों में संबंधों को और मजबूत किया है.

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