बॉडी नंबर-151, 156, 174... ट्रेन हादसे में 81 मृतकों की अबतक पहचान नहीं, रेलवे ने लोगों से मांगी मदद
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ओडिशा के बालासोर में 2 जून को ट्रिपल ट्रेन हादसा हुआ था. यहां तीन ट्रेनों की टक्कर हुई थी. इस हादसे में 288 लोगों की जान चली गई थी. जबकि 1100 लोग जख्मी हुए थे. इनमें से 900 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है. जबकि 200 लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है.
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे में अब तक 288 लोग जान गंवा चुके हैं. हादसे के 110 घंटे बाद भी 83 शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. जिन 205 शवों की पहचान हुई है, उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. बाकी शवों की पहचान के लिए भारतीय रेलवे ने समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर आम लोगों की मदद मांगी है. रेलवे ने एक वेबसाइट की लिंक जारी कर शवों की तस्वीर डाली है. रेलवे ने अपील की है कि इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं, ताकि परिजन उनके अपनों की पहचान कर सकें.
वेबसाइट पर जारी की गईं तस्वीरें
भारतीय रेलवे ने www.srcodisha.nic.in वेबसाइट पर शवों की तस्वीर डाली है. इन तस्वीर में शवों को बॉडी नंबर-1, 2, 3...151, 152..288 दिए गए हैं. हालांकि, तस्वीरों में हादसे की भयावहता साफ नजर आ रही है. शव बुरी तरह क्षत-विक्षत दिख रहे हैं.
रेलवे ने लोगों से मांगी मदद
रेलवे ने अखबारों में विज्ञापन देकर अपील की है कि ओडिशा रेल हादसे में पीड़ितों को उनके परिवारों से मिलाने में आगे आएं. इस विज्ञापन में हेल्पलाइन नंबर (139, 1929, 1800-3450061) जारी किए गए हैं. इसके अलावा हादसे से जुड़ी सभी जानकारी वेबसाइट www.osdma.org पर दी गई है. जिन घायलों का इलाज चल रहा है, उनकी जानकारी www.bmc.gov.in पर डाली गई है.
बालासोर में हुआ था ट्रिपल ट्रेन हादसा
नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो और कार्यकाल पूरे किए. मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले दो कार्यकाल संयुक्त आंध्र प्रदेश के नेतृत्व में थे, जो 1995 में शुरू हुए और 2004 में समाप्त हुए. तीसरा कार्यकाल राज्य के विभाजन के बाद आया. 2014 में नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उभरे और 2019 तक इस पद पर रहे. वे 2019 का चुनाव हार गए और 2024 तक विपक्ष के नेता बने रहे.
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