बीजेपी में ऐन वक्त पर क्यों टल गई एंट्री? पार्टी के रुख से धर्मसंकट में फंसे धर्म सिंह सैनी
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मुजफ्फरनगर जिले की खतौली रैली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में धर्म सिंह सैनी की बीजेपी में वापसी होनी थी, लेकिन उनकी बीजेपी में एंट्री नहीं हो पाई. इस कारण राजनीतिक रूप से वो 'धर्मसंकट' में फंस गए हैं. बीजेपी का एक धड़ा धर्म सिंह की राह में रोड़ा बन गया है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता धर्म सिंह सैनी सपा का दामन छोड़ बीजेपी में दोबारा से एंट्री करने जा रहे हैं. खतौली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में 'घर वापसी' का प्लान था, लेकिन धर्म सिंह सैनी अब 'धर्मसंकट' में फंस गए हैं. सपा की 'साइकिल' से तो उतर गए हैं, लेकिन वह बीजेपी का भी पटका नहीं पहन सके. बीजेपी का एक खेमा ने धर्म सिंह सैनी की राह में अड़ंगा लगा दिया, जिसके चलते उनकी ज्वाइनिंग पर फिलहाल ब्रेक लग गया है.
धर्म सिंह सैनी का मंगलवार देर रात सपा छोड़ कर बीजेपी में शामिल होना तय हो गया था. बुधवार को खतौली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुनावी सभा में उनकी बीजेपी में वापसी होनी थी, लेकिन ऐन वक्त पर उनकी एंट्री नहीं हो सकी. सूत्रों की मानें तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने उन्हें फोन कर कहा कि वह सीएम योगी की सभा में पार्टी में शामिल नहीं हो सकते, संगठन ही पार्टी में उनकी ज्वाइनिंग बाद में कराएगा. हालांकि, धर्म सिंह सैनी अब दोबारा कब शामिल होंगे, इसे लेकर रुख साफ नहीं है.
नकुड़ सीट पर 315 वोटों से हार गए थे सैनी धर्म सिंह सैनी ने इसी साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. 13 जनवरी 2022 को धर्म सिंह सैनी बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे. सपा ने सहारनपुर की नकुड़ विधानसभा सीट से धर्म सिंह सैनी को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ा था. नकुड़ सीट पर उन्हें 315 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था और उनका 20 साल का किला ढह गया था.
चुनाव के बाद से ही धर्म सिंह सैनी दोबारा से बीजेपी में वापसी के लिए हाथ-पैर मार रहे थे. धर्म सिंह सैनी की बीजेपी में वापसी की पैरोकारी सूबे के मजबूत चेहरे कर रहे थे, जिससे सहारनपुर के भाजपा नेता एक्टिव हो गए और उनकी वापसी के राह में कांटे बिछा दिए. सहारनपुर और पश्चिमी यूपी में उनके विरोधी लॉबी ने पूरा चक्रव्यूह रचा.
धर्म सिंह की राह में किन नेताओं ने लगाया ब्रेक? बताया जा रहा है कि योगी सरकार के दो मंत्री, जो पश्चिमी यूपी से हैं, जिनमें एक उनकी जाति से है और दूसरे उन्हीं के जिले से आते हैं. इसके अलावा बीजेपी के तीन विधायक और दो सांसद भी नहीं चाहते हैं कि धर्म सिंह सैनी की वापसी हो. बीजेपी के अंदर सैनी समाज के नेताओं का एक गुट है, जो नहीं चाहता है कि धर्म सिंह सैनी दोबारा पार्टी में आए. हालांकि, बीजेपी का प्रदेश संगठन उनकी वापसी के पक्ष में है, जिसके जरिए पश्चिमी यूपी के इलाकों में अपने सियासी समीकरण को और भी मजबूत करना चाहता है. हालांकि, धर्म सिंह सैनी ने अपने समर्थकों से कहा कि बीजेपी हाईकमान जो तय करेगा, उसे स्वीकार करेंगे.
धर्म सिंह सैनी की एंटी लॉबी ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सीएम योगी तक शिकायत की. सहारनपुर के एक कद्दावर नेता ने तो बाकायदा आंकड़ों के साथ संगठन स्तर पर इस फैसले को लेकर गहन चर्चा की. बुधवार देर रात तक डॉ. धर्म सिंह सैनी के आने से बीजेपी को होने वाले नफा-नुकसान पर मंथन किया गया. 2017 के विधानसभा चुनाव में धर्म सिंह सैनी के बीजेपी में आने से पार्टी को लाभ और 2022 में छोड़कर जाने से सपा को नुकसान पर गहन चर्चा की गई. इन सारी बातों को दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के संज्ञान में रखा गया.
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