
बिहार सरकार का बड़ा फैसला, अब STET से नहीं, CTET से होगी शिक्षकों की भर्ती
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Bihar Government to recruit teachers through only CTET: बिहार सरकार अब से सेकेंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (STET) परीक्षा का आयोजन नहीं करेगी बल्कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) परिणाम के आधार पर राज्य में शिक्षकों की भर्ती करेगी.
Bihar Teacher Eligibility Test Latest News: अगर आप बिहार में सरकारी शिक्षक बनना चाहते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. बिहार में अब सरकारी शिक्षक बनने की इच्छुक अभ्यर्थियों को अलग से शिक्षक भर्ती परीक्षा यानी STET (State Teacher's Eligibility Test) देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
सीटेट से ही होगा शिक्षकों का चयन बिहार सरकार ने इस बाबत फैसला लिया है कि अब से राज्य सरकार अपने स्तर पर शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन नहीं करेगी बल्कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी CTET (Central Teacher's Eligibility Test) में पास होते हैं, उन्हीं में से सरकारी शिक्षकों का चयन किया जाएगा.
बिहार सरकार ने BSEB को दी ये सूचना राज्य सरकार के इस फैसले के बाद अब आमतौर पर जो अभ्यर्थी सरकारी शिक्षक बनना चाहते हैं वह केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा और राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा दोनों देते थे, उन्हें अब केवल एक ही परीक्षा देनी होगी, जो एक बड़ी राहत की खबर है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार सरकार में इस फैसले की सूचना बिहार विद्यालय परीक्षा समिति यानी बिहार बोर्ड को दे दी है जो राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन करता है. जानकारी के मुताबिक जल्द ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इसकी जानकारी पटना हाई कोर्ट को भी देगा.
राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा की जरूरत नहीं: रवि प्रकाश बिहार सरकार के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक रवि प्रकाश द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि 'अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शिक्षक पात्रता परीक्षा के संबंध में 26 अप्रैल 2022 को बैठक में निर्णय लिया गया है कि बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली 2020 में किए गए प्रावधानों के तहत शिक्षक नियुक्ति के लिए निर्धारित अहर्ता में केंद्र और बिहार सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा में पास होना शामिल है. केंद्र सरकार द्वारा हर साल केंद्रीय शिक्षक पात्रता आयोजित होती है. उक्त स्थिति में राज्य सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा अलग से आयोजित करने की आवश्यकता महसूस नहीं हो रही है'.
हालांकि, सरकार के तरफ से इस निर्देश में कहा गया है कि भविष्य में सरकार आवश्यकता अनुसार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर सकती है. बता दें कि बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा की शुरुआत 2011 में हुई थी.

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