बिहार: लाठीचार्ज मामले ने पकड़ा तूल, बीजेपी ने FIR में सीएम, डीएम सहित इनको बनाया आरोपी
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पटना में बीजेपी के विधानसभा मार्च के दौरान लाठीचार्ज के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मामले में बीजेपी ने आज पटना के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई है जिसमें सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पटना के डीएम और एसएसपी को आरोपी बनाया गया है. बीजेपी ने पुलिस से इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है.
बिहार की राजधानी पटना में बीजेपी द्वारा आयोजित विधानसभा मार्च में हुए लाठीचार्ज का मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है. रविवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार बबलू और पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है. ये शिकायत मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं, नेताओं और घायल हुए लोगों को पीटे जाने को लेकर कोतवाली थाने में दर्ज कराई गई है.
बता दें कि 13 जुलाई को बीजेपी के द्वारा विधानसभा मार्च का आयोजन किया गया था जिसमें गांधी मैदान से डाकबंगला चौराहे की तरफ जा रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को रोक दिया गया था.
इस भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने लाठियां बरसाई थी. इस लाठीचार्ज में बीजेपी के कई नेता और मंत्री घायल हो गए थे जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आज कोतवाली थाने में जीवेश मिश्रा और नीरज कुमार बबलू एक लिखित शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे.
इस शिकायत में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, डीएम, एसएसपी समेत कई आला अधिकारियों को अभियुक्त बनाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस मौके पर पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने बताया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन में पुलिस मैनुअल को दरकिनार कर लाठीचार्ज किया गया. महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया. हम कानूनी तरीके से चलने वाले लोग हैं और नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, इसके लिए थाने में आवेदन दी गई है. वहीं बीजेपी नेता की मौत पर उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम से पहले ही पुलिस की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई. यह बताता है कि सरकार की मंशा लीपापोती करने की है.
वहीं एमएलसी नीरज सिंह बबलू ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा आयोजित विधानसभा मार्च में पुलिस के द्वारा बर्बरता पूर्ण तरीके से कई पूर्व मंत्रियों को भी पीटा गया. इसी के संबंध में आज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसके लिए थाने में लिखित आवेदन दिया गया है और निष्पक्ष जांच की मांग की गई है. बता दें कि पटना में हुए लाठीचार्ज के बाद केंद्र से 5 सदस्यीय टीम भी इस मामले की जांच करने के लिए पटना आई थी जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.
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