बिहार में बीजेपी के बढ़ते कद से परेशान थे नीतीश? ऐसे शुरू हुई गठबंधन के पतन की कहानी
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बिहार में नीतीश कुमार की नाराजगी ने नई सियासी पटकथा लिखना शुरू कर दिया है. उनकी बीजेपी से नाराजगी कोई बेवजह नहीं है, बल्कि इसकी स्क्रिप्ट दो साल पहले ही लिख दी गई थी.
कहते हैं धुआं वहीं से उठता है, जहां आग लगी होती है, और बिहार में जिस तरह से राजनीति का धुआं उठ रहा है. हर कोई यही चर्चा कर रहा है, कि कहीं ना कहीं जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन के बीच बगावत की चिंगारी सुलगी हुई है. ये अलग बात है कि बीजेपी और जेडीयू दोनों के नेता इस चिंगारी पर कुछ नहीं बोल रहे हैं.
नीतीश की नाराजगी की इनसाइड स्टोरी
खबरें ये भी आ गई हैं कि बीजेपी- जेडीयू में मची हलचल के बीच बीजेपी हाईकमान ने अपने नेताओं को 3 दिन तक गठबंधन पर खामोश रहने के निर्देश दिए हैं...अभी सिर्फ इतना ही बोलने को कहा है कि बिहार में ऑल इज़ वेल. खबर ये भी है कि बीजेपी ने बिहार के अपने कुछ बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है. बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज़ दिल्ली में हैं. उनके साथ साथ रवि शंकर प्रसाद भी दिल्ली में ही हैं. माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें दिल्ली बुलाया है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के सभी टॉप के लीडर से ये बोला गया है कि कोई भी नेता गठबंधन के इस मुद्दे पर बात नहीं करेगा. जबकि जेडीयू ने मंगलवार यानी 9 अगस्त को अपने सभी सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों की अहम बैठक बुलाई है.
गठबंधन के पतन की कहानी
लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसी नौबत आई क्यों? जो नीतीश कुमार महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ आए थे, एक बार फिर क्यों वे बगावती तेवर दिखा रहे हैं? आखिर इस टूटते गठबंधन की पटकथा कब और कैसे लिखी गई? बिहार में जब से पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जेडीयू से इस्तीफा दिया है, तभी से सियासी सरगर्मी काफी तेज हो गई है. तो क्या सिर्फ आरसीपी सिंह ही एक वजह हैं जिससे नीतीश एनडीए का साथ तोड़ने पर आमादा है?
नीतीश कुमार की नाराजगी की मुख्य वजह फ्री हैंड न मिलना है. इसी वजह से वे दिल्ली में सरकार के कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं हो रहे हैं. उन्होंने राज्य में बीजेपी नेताओं से भी दूरी बनाए रखी है. अब ये फ्री हैंड भी इसलिए नहीं मिल रहा क्योंकि RCP सिंह जैसे नेताओं ने जेडीयू से ज्यादा बीजेपी के प्रति अपनी वफादारी दिखाई है. उनका बीजेपी के ज्यादा करीब जाना ही नीतीश कुमार को अखर रहा था.
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