
बिहार में नकली शराब का कारोबार बढ़ा है, फिर शराबबंदी का फ़ायदा क्या है? : आज का दिन, 15 दिसंबर
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बिहार में शराबबंदी इन 6 सालों में कितनी सफल हुई, दवाइयों से लेकर सर्जरी तक की फीस में क्यों हुई बढ़ोतरी और पीएचडी के लिए मास्टर्स डिग्री की बाध्यता ख़त्म करने की जरूरत क्यों पड़ी? सुनिए 'आज का दिन' में.
बिहार में पिछले 6 सालों में शराब पर बैन लगा है. नीतीश कुमार इसके लिए कभी आलोचना और कभी तारीफ पाते रहे हैं. लेकिन ये भी एक सच है कि उनके लिए चुनावी तौर पर ये बैन फायदेमंद साबित हुआ है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि शराब बैन करके उन्होंने महिला वोटर्स को अपने पाले किया. लेकिन इसी तस्वीर का एक पहलू और भी है. और वो है बिहार में अभी भी बिक रही इलीगल शराब. आँकडे कहते हैं कि शराब पर बैन के बाद इसमें तेजी आई है. जाहिर है असल शराब के चाहने वाले अवैध तरीके से बनी शराब के ओर बढ़ रहे हैं. बिहार में इस बैन के दौरान करीब 700 से भी ज्यादा मौतें नकली शराब से हुई हैं. साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं और करीब 53 लाख लीटर शराब जब्त हुई है जो अवैध थी. इस दौरान नीतीश का विपक्ष बदलता रहा, लेकिन जो भी विपक्ष में रहा चाहे आर्जेडी हो या बीजेपी नीतीश के इस शराब बैन पर सवाल उठाती रही. अभी हाल ही में नीतीश कुमार उस सवाल पर बीजेपी नेताओं पर भड़के जिसमें उन्होंने शराब का बैन हटाने की मांग उठाई थी. नीतीश कुमार ने कहा था कि तुम सब लोग शराबी हो गए हो. बीजेपी के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का कहना है कि हम शराब बंदी के समर्थन में हैं, लेकिन जिस तरह से इसे इम्प्लीमेंट किया गया है, वो ग़लत है. विपक्ष की इस घेराबंदी और राज्य में पकड़ी जा रही अवैध शराब और उससे हो रही मौतें – नीतीश कुमार पर दबाव जरूर बना रही हैं. सवाल ये है कि बिहार में शराब बंदी का असर किस तौर पर हुआ है और क्या वाकई ऐसा है कि सरकार पर शराबबंदी हटाने का दबाव बढ़ा है? शराबबंदी पर नीतीश कुमार पर दबाव कितना है क्या इसके पीछे इम्प्लीकेशन्स में हो रही चूक है या फिर ये प्रॉबलम बैन से ही है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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मई 2022 में एक रिपोर्ट आई थी. रिपोर्ट बता ये रही थी कि एशिया में मेडिकल इन्फ्लेशन यानी हेल्थ सेक्टर की महंगाई सबसे ज्यादा है. जाहिर है ऐसा इसलिए था कि एशिया के ज्यादातर मुल्कों में उस लिहाज से रिसॉरसेस नहीं. ज्यादातर बाहर से मँगवाए जाते हैं. भारत में भी हालत अच्छी नहीं थी. हालांकी कोविड के बाद बढ़े मेडिकल इंश्योरेसन्स के नंबर्स को अच्छे संकेत के तौर पर देखा जा रहा था. अब फिर से एक रिपोर्ट आई है. मोतीलाल ओसवाल नाम की एक संस्था की एक रिपोर्ट से पता चला है कि अस्पतालों की फीस में पिछले साल के मुकाबले 3 से 4 परसेंट बढ़ोतरी हुई है. और यही हाल सर्जरी का भी है. इनके चारजेज 8 से दस परसेंट बढ़े हैं। इलाज में इस्तेमाल होने वाले इक्विपमेंट्स हों या दवाइयाँ ये सब भी इसकी जद में हैं. कोविड के बाद जब इस पर बहस तेज हुई है कि देश में हेल्थ सेक्टर पर काम करने की जरूरत है और उसे सस्ता बनाना चाहिए, ऐसे में ये रिपोर्ट परेशान करती है. फिर ऐसे समय में जब सरकारों का लगातार दावा है कि वो हेल्थ में काम कर रहे हैं, फिर ये महंगाई जो कि किसी भी मरीज के इलाज में एक बड़ा फैक्टर रहती है उसमें बढ़ोतरी क्यों हो रही है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
------------------------------------------- पीएचडी प्रोग्राम्स में पार्ट लेने के लिए अब तक आप क्या करते हैं? पहले ग्रेजुएशन और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन, यही ना. लेकिन कल यूजीसी ने एक घोषणा की है कि अब पीएचडी प्रोग्राम्स में हिस्सा लेने के लिए मास्टर्स की जरूरत नहीं. स्टूडेंट्स चार साल के ग्रेजुएशन प्रोग्राम के बाद सीधे पीएचडी में दाखिला ले सकते हैं. यूजीसी चेयरमैन जगदीश कुमार ने कल बताया कि इस प्रावधान में बदलाव किया जा रहा है. हालांकि उन्होंने आगे ये भी कहा कि यूनिवर्सिटीज को ये अधिकार होगा कि ग्रेजुएशन प्रोग्राम तीन साल का होगा या चार साल का. लेकिन ये तब तक ही होगा जब तक 3 साल के अंडरग्रेजुएट कोर्स को 4 साल के प्रोग्राम के पूरी तरह लागू होने तक बंद नहीं किया जाएगा. कुछ ही दिन पहले यूजीसी ने ऑनर्स डिग्री प्रोग्राम ग्रेजुएशन सिलेबस के लिए चार साल किया था. इसकी जरूरत क्यों लगी यूजीसी को और दिक्कतें क्या होंगी? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट का असर 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ. देश के कई बड़े एयरपोट्स पर आज सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री परेशान देखे गए. कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगह इंडिगो के काउंटर्स पर सहयोग ना करने की शिकायतें सामने आईं. कंपनी लगातार शेड्यूल में बड़े बदलाव कर रही है. अब तक 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर कुल 571 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं.

हरियाणा में चार मासूमों के सीरियल मर्डर केस ने झकझोर कर रख दिया है. खूबसूरती से जलन, रिश्तेदारों की बच्चियों और अपने ही तीन साल के बेटे तक को पानी में डुबोकर मारने वाली साइको किलर पूनम अब उसी गांव की जेल में है, जहां वह पली-बढ़ी. गिरफ्तारी के बाद से पूनम जेल की बैरक में बेचैनी है. न ठीक से नींद आ रही, ना खाना निगल पा रही है.

टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद जैसे डिजाइन में मस्जिद निर्माण के फैसले ने पश्चिम बंगाल में जोरदार घमासान खड़ा कर दिया है. BJP ने आरोप लगाया है कि यह कदम लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए उठाया जा रहा है. वहीं TMC ने इसे बेबुनियाद करार दिया और दावा किया कि कबीर BJP के इशारे पर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.

दिल्ली के संगम विहार इलाके में मामूली विवाद के चलते दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ स्टूडेंट की चाकू मारकर हत्या कर दी गई. मृतक की पहचान 27 साल के इरशाद के रूप में हुई है, जिसे परिजन गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिवार वालों के आरोप पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है और एक नाबालिग समेत दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया है.



