बिहार: भागलपुर में लोग खुद तोड़ रहे हैं अपने आशियाने, जानें क्यों?
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भागलपुर में पिछले कुछ दिनों में कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ते जा रहा है और इसके कारण सैकड़ों घर कटाव की भेंट चढ़ गए हैं. ऐसे में वैसे मकान जो नदी किनारे बसे हुए हैं और इनके ऊपर भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है
बिहार में कोसी नदी का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हुआ है और इसके साथ ही भागलपुर में एक बार फिर से कटाव की समस्या लोगों के सामने देखी जा रही है. कोसी नदी के किनारे जितने भी लोगों ने अपने आशियाने बनाए हैं, कटाव के कारण उनके घर नदी की भेंट चढ़ते जा रहे हैं.
भागलपुर के नवगछिया इलाके में कहारपुर से जहांगीरपुर तक कोसी के किनारे बसे लोगों के सामने भी ऐसे ही समस्या है. पिछले कुछ दिनों में कोसी का जलस्तर लगातार बढ़ते जा रहा है और इसके कारण सैकड़ों घर कटाव की भेंट चढ़ गए हैं. ऐसे में वैसे मकान जो नदी किनारे बसे हुए हैं और इनके ऊपर भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है वैसे परिवार अब अपने घरों को खुद ही तोड़ने में जुट गए हैं.
ऐसे परिवारों को डर है कि आने वाले दिनों में उनका घर भी नदी में जल समाधि ले सकता है और इसी कारण से वह अपने घरों को खुद तोड़ रहे हैं ताकि वह कुछ ईट पत्थर बचा सके ताकि भविष्य में उससे वह दोबारा घर बना पाए. पीड़ित परिवारों का कहना है कि अगर वह अपना घर नहीं तोड़ेंगे तो उनका घर नदी की भेंट चढ़ जाएगा और ऐसे में वह खुद अपने घर को तोड़ कर कुछ ईट और पत्थर बचाने की जुगत में लगे हुए हैं ताकि भविष्य में फिर से अपना आशियाना बसा सकें. पीड़ित परिवारों का कहना है कि अगर उन लोगों ने अपने घरों को तोड़ने में देरी की तो कोसी नदी उनके आशियाने को अपने आगोश में ले लेगी.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.