बिलावल भुट्टो को अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहती है पाकिस्तान की सेना?
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पाकिस्तान की सेना के आशीर्वाद से ही बिलावल भुट्टो विदेश मंत्री बने हैं और अब कहा जा रहा है कि सेना उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देख रही है. बिलावल भुट्टो एक राजनीतिक परिवार से आते हैं लेकिन विदेश मंत्री बनने से पहले वो किसी बड़े पद पर नहीं थे.
पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता अपने चरम पर है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना के बीच चल रही लड़ाई के बीच खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से कई बड़े नेताओं ने किनारा कर लिया है. इमरान खान के डूबते राजनीतिक करियर के बीच पाकिस्तान में यह चर्चा जोरों पर है कि सेना के जनरलों से अपनी करीबी के कारण विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी एक मजबूत प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में उभर सकते हैं.
9 मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के लिए इस्लामाबाद कोर्ट के बाहर भारी हंगामा देखने को मिला. खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए और सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाया गया. इसके बाद पाकिस्तान की सरकार ने पीटीआई समर्थकों पर कड़ी कार्रवाई शुरू की. पाकिस्तानी सेना के दबाव में पीटीआई के दर्जनों बड़े नेताओं शिरीन मजारी, फवाद चौधरी, आमिर महमूद कियानी, अली जैदी, मलिका बोखारी आदि ने पार्टी छोड़ दी है.
कहा जा रहा है कि पीटीआई छोड़ रहे सभी नेता बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) से जुड़ सकते हैं. विश्लेषकों का कहना है कि जिन नेताओं ने पीटीआई छोड़ी है, अपने निर्वाचन क्षेत्र के वोट बैंक पर उनकी पकड़ है. इन नेताओं की मदद से पीपीपी अपने गढ़ सिंध प्रांत से निकलकर पंजाब में भी अपना प्रभाव बढ़ाना चाहती है. 262 नेशनल एसेंबली सीटों वाला पंजाब पाकिस्तान की राजनीति में बेहद अहम स्थान रखता है.
इसके जरिए सिंध और बलुचिस्तान में पीपीपी और उसके सहयोगी एक ब्लॉक बनाने की कोशिश कर रहे है जिससे अक्टूबर में होने वाले नेशनल एसेंबली के चुनावों में उन्हें फायदा मिले.
'चुनाव के बाद बिलावल सरकार का नेतृत्व कर सकते हैं'
इस्लामाबाद स्थित राजनीतिक विश्लेषक और सरकारी ब्रॉडकास्टर रेडियो पाकिस्तान के पूर्व महानिदेशक मुर्तजा सोलंगी ने कहा कि पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी गठंबधन सरकार का नेतृत्व कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि अगले चुनावों के बाद कमजोर गठबंधन सरकार का नेतृत्व बिलावल भुट्टो करेंगे.'
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक 71 वर्षीय खान ने कई बार दावा किया है कि 49 वर्षीय बुशरा बीबी को टॉयलेट क्लीनर में मिलाकर खाना दिया जाता था. प्रवक्ता ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले उन्हें ब्लड प्रेशर और डायबटीज सहित कोई समस्या नहीं थी. उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा, ''गिरफ्तारी के बाद से बुशरा बीबी की तबीयत खराब हो गई है, कुछ तो हुआ होगा.''
न्यूजर्सी की ही रहने वालीं 54 साल की लीसा पिसानो को हार्ट फैल्योर और किडनी की लास्ट स्टेज की बीमारी थी. उन्हें नियमित डायलिसिस की जरूरत होती थी. लंबे समय से लीसा हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट कराने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन अमेरिका में अंगदान करने वालों की कमी होने के कारण उन्हें ऑर्गन नहीं मिल पा रहे थे.