बाप-भाई की हत्या, 26 दिन से 7 राज्यों में तलाश... शातिर बेटी और कातिल बॉयफ्रेंड ने पुलिस को यूं बनाया चकरघिन्नी
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Jabalpur Double Murder Case: मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुए डबल मर्डर केस की रहस्यमयी गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है. इस हत्याकांड के बाद फरार मृतक की बेटी और उसके हत्यारोपी दोस्त की तलाश में पुलिस कई राज्यों के खाक छान चुकी है. लेकिन शातिर जोड़ी पुलिस को चकमा दिए जा रही है.
26 दिन, 8 पुलिस टीमें, 35 से ज्यादा पुलिसकर्मी, 7 राज्य, 9 शहर और एक 'अंतहीन' तलाश. ये कहानी है एक ऐसे दोहरे कत्ल की है, जिसे परफेक्टर मर्डर का नाम तो नहीं दिया जा सकता, लेकिन कत्ल के बाद से जिस तरह कातिल पुलिस को चकमा दे रहे हैं, उसे देखते हुए ये जरूर कहा सकता है कि ऐसे शातिर कातिल जुर्म की दुनिया में कभी-कभार ही देखने को मिलते हैं. कहने को तो इनमें से एक अभी-अभी जवान हुआ है. यानी उसकी उम्र बमुश्किल 20 साल की है, जबकि कत्ल में उसका साथ देने वाली उसकी पार्टनर इन क्राइम तो अभी बालिग भी नहीं हुई. लेकिन इतना होने के बावजूद इस शातिर जोड़ी ने मध्य प्रदेश पुलिस को पिछले 26 दिनों से कुछ इस तरह घुमाना शुरू किया है कि पुलिस के दिमाग की चकरघिन्नी बन गई है.
पुलिस को कहीं इन कातिल जोड़ी का सुराग़ मिलता है और जब तक वहां पहुंचती है, वो फरार हो चुके होते हैं. ये सिलसिला कत्ल के बाद से बस यूं ही चला आ रहा है. हालत ये हो गई है कि वर्दी वालों के लिए अब ये बताना भी मुश्किल होने लगा है आखिर ये कातिल कब पकड़े जाएंगे? पकड़े जाएंगे भी या नहीं? पिछले 15 मार्च को जबलपुर में हुई दोहरे कत्ल की इस वारदात ने सिर्फ जबलपुर ही नहीं बल्कि पूरे देश को दहला दिया था. इस कत्ल का खुलासा तब हुआ, जब क़ातिल जोड़ी में से एक ने अपने रिश्तेदारों को मैसेज भेज कर ये बताया कि किसी ने उसके पिता राजकुमार विश्वकर्मा और 8 साल के भाई तनिष्क की हत्या कर दी है. इसके बाद जैसे ही मामले का खुलासा हुआ, पुलिस ने जांच शुरू की तो इस केस में एक हैरतअंगेज मोड़ आ गया.
पुलिस के शक के घेरे में कोई और नहीं बल्कि खुद मरने वाले शख्स यानी राजकुमार विश्वकर्मा की नाबालिग बेटी और उसका ब्वॉयफ्रेंड मुकुल सिंह आ गया, क्योंकि कत्ल के बाद से ही अलग-अलग सीसीटीवी कैमरों में वो मौका ए वारदात से भागते दिख रहे थे. दूसरे सुराग और सबूत तो पुलिस के पास थे ही. लेकिन एक वो दिन था और एक आज का दिन, पुलिस को ना तो शक के घेरे में आई नाबालिग बेटी का पता चला है और ना ही उसके ब्वॉयफ्रेंड मुकुल का. हां, ये जरूर है कि पुलिस को समय-समय पर उनके पास मौजूद मोबाइल फोन की लोकेशन पता चल रही है. ये भी पता चल रहा है कि दोनों तीन से चार दिनों में बमुश्किल कुछ मिनटों के लिए ही अपना फोन ऑन करते हैं, लेकिन जब तक पुलिस इस लोकेशन पर पहुंचती है, दोनों वहां से फरार हो चुके होते हैं.
फिलहाल हालत ये है कि जबलपुर पुलिस की 8 टीमों के 35 से ज्यादा पुलिस वाले, जिसमें सर्विलांस के एक्सपर्ट्स से लेकर जासूसी में माहिर लोग भी शामिल हैं, दोनों की तलाश कर रहे हैं. लेकिन ये तलाश खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही. इस बीच जबलपुर पुलिस को पता चला है कि दोनों ने शहर छोड़ने के बाद सबसे पहले कटनी का रुख किया था. वहां से पुणे, विशाखापट्टनम और तब गोवा से मुंबई होते हुए कर्नाटक के गुलबर्गा पहुंचे. लेकिन इन सारी जगहों की ट्रैलिंग के बावजूद पुलिस उन तक नहीं पहुंच सकी. पुलिस सूत्रों की मानें तो अपनी फरारी के इस रेस में ये संदिग्ध कातिल जोड़ी सिर्फ बस या ट्रेन से ही नहीं, बल्कि कैब और यहां तक कि फ्लाईट से भी ट्रैवल कर रही है. छानबीन में पता चला है कि दोनों ने गोवा से मुंबई तक का सफर फ्लाईट में पूरा किया.
वैसे इन दोनों के शातिर रवैये की झलक कत्ल के फौरन बाद तभी मिल गई थी, जब दोनों एक रेलवे स्टेशन में दाखिल होकर दूसरी तरफ से निकल गए थे, ताकि पुलिस को ये गुमान रहे कि वो ट्रेन के रास्ते कहीं भाग रहे हैं, लेकिन असल में उनकी कोशिश पुलिस को चकमा देने की थी. ठीक इसी तरह उन्होंने कत्ल के फौरन बाद भागने के लिए एक के बाद एक कई बसें भी बदली थीं, जबकि उन्होंने जबलपुर से कटनी तक की जो दूरी तय की थी, उसे सिर्फ एक ही बस में सवार होकर तय की जा सकती थी. लेकिन एक अंतहीन तलाश के इस सिलसिले की शुरुआत कैसे हुई? आखिर एक बेटी ने खुद ही अपने पिता और छोटे भाई की हत्या क्यों कर दी? इस कहानी को समझने के लिए हमे थोड़ा पीछे चलना होगा.
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