
बांग्लादेश की हिंदू बस्तियों से देखें ग्राउंड रिपोर्ट- लोग यहां कितने सुरक्षित?
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बांग्लादेश में कट्टरपंथी अपने ही देश की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं. ये कट्टरपंथी न केवल आम जीवन को प्रभावित कर रहे हैं बल्कि स्कूलों तक अपनी पहुंच बनाकर शिक्षा प्रणाली में भी दखल दे रहे हैं. ऐसे हालात में बच्चों की पढ़ाई और उनके भविष्य पर भी जोखिम मंडरा रहा है. हिंदुओं पर भी हमले हो रहे हैं. देखिए ग्राउंड रिपोर्ट.

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 17 वर्षों के निर्वासन के बाद बांग्लादेश लौटे हैं. बीएनपी ने उनके स्वागत के लिए 50 लाख समर्थकों को जुटाने का लक्ष्य रखा है. यह वापसी फरवरी में होने वाले संसदीय चुनावों से पहले हो रही है जिसमें तारिक रहमान प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं.

पाकिस्तान की सेना का फ्रॉड अफ्रीकी महादेश में भी जारी है. आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने पाकिस्तान और अफ्रीकी देश लीबिया के बीच हुए 4 अरब डॉलर के सैन्य समझौते का खूब डंका बजाया. लेकिन मुनीर ने ये डील यूएन के प्रतिबंधों को धत्ता बताकर लीबिया के उस सैन्य नेता के साथ की है जिस पर अतंर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लगा है. और कोई भी देश या एजेंसी लीबिया को हथियारों की सप्लाई नहीं कर सकता है.

बांग्लादेश में हालिया हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के कारण हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा गंभीर खतरे में है. शेख हसीना सरकार के पतन के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले बढ़े हैं, जिससे कई हिंदू परिवार विस्थापित हुए हैं. हिंदुओं पर अत्याचार न रोक पाने वाला बांग्लादेश म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने का दावा करता है.










