'फौजी का बेटा हूं चारा चोर का नहीं...', पटना में पेशी के दौरान भड़के मनीष कश्यप
AajTak
मनीष कश्यप के ऊपर कानूनी शिकंजा तब कसा गया जब तमिलनाडु में बिहारियों के खिलाफ हिंसा को लेकर उस पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी वीडियो दिखाए जाने का आरोप लगा. मनीष कश्यप की इस रिपोर्ट को तमिलनाडु पुलिस ने गलत बताते हुए उसके खिलाफ वहां मामला दर्ज किया.
शुक्रवार को पटना कोर्ट में पेशी के दौरान यूट्यूबर मनीष कश्यप का सब्र टूट गया. उन्होंने गुस्से में लालू परिवार पर भड़ास निकाली. मनीष ने कहा ''6 महीने से चुप था, लेकिन अब तो हद हो गई है. मुझे गंजेड़ी, नशेड़ी के बीच में बिठा जाता है. वह लोग मेरे मुंह पर फूंकते हैं. मेरा सर दर्द होने लगता है, लेकिन ये लोग (पुलिस) कुछ नहीं करते हैं.''
वहीं, मनीष कश्यप ने कहा कि एक दिन हम सरकार बनाएंगे और बताएंगे कैसे सरकार चलती है. उन्होंने यह भी कहा मुझे झुकाने का प्रयास किया गया है, लेकिन मैं फौजी का बेटा हूं, चारा चोर नहीं. इन लोगों के आगे झुकूंगा नहीं. यह हथकड़ी ईमानदार आदमी के हाथ लगी है. मेरे दादा चीन से युद्ध में लड़े, मेरे पिता पाकिस्तान से युद्ध में लड़े थे.''
फर्जी वीडियो मामले में तमिलनाडु पुलिस ने किया था गिरफ्तार
मनीष कश्यप के ऊपर कानूनी शिकंजा तब कसा गया जब तमिलनाडु में बिहारियों के खिलाफ हिंसा को लेकर उस पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी वीडियो दिखाए जाने का आरोप लगा. मनीष कश्यप की इस रिपोर्ट को तमिलनाडु पुलिस ने गलत बताते हुए उसके खिलाफ वहां मामला दर्ज किया.
पुलिस के सामने जब मनीष कश्यप ने सरेंडर किया तो पहले उससे बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने पूछताछ की थी. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने मनीष कश्यप पर एनएसए भी लगाया. मनीष कश्यप राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गये लेकिन तमिलनाडु सरकार ने उसके खिलाफ लगाए गए एनएसए को हटाए जाने से इंकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी.
पटना सेंट्रल जेल में बंद हैं मनीष कश्यप
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.