
फिर अयोग्य घोषित हुए मोहम्मद फैजल, वो चार तारीखें... जब आई-गई लोकसभा की सदस्यता
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लक्षद्वीप के NCP नेता मोहम्मद फैजल की फिर लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. इससे पहले मंगलवार को केरल हाईकोर्ट से फैजल को हत्या के प्रयास के एक मामले में बड़ा झटका लगा था. HC ने मोहम्मद फैजल की दोषसिद्धि और सजा को सस्पेंड करने से इनकार कर दिया था. उसके बाद बुधवार को लोकसभा ने अयोग्यता का नोटिफिकेशन जारी कर दिया.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता मोहम्मद फैजल पीपी की एक बार फिर लोकसभा सदस्यता चली गई है. फैजल लक्षद्वीप से सांसद थे. ऐसा पहली बार है जब कोई सांसद एक साल में दो बार अयोग्य घोषित हुआ. बुधवार को लोकसभा सचिवालय ने सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी है. जिस केरल हाईकोर्ट ने पहले फैजल की सजा निरस्त की थी, इस बार उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया है. फैजल को हत्या की कोशिश के मामले में सजा सुनाई गई थी. दो दिन पहले केरल HC ने सजा को सस्पेंड करने की याचिका खारिज कर दी है.
लोकसभा सचिवालय ने बुलेटिन में कहा, 'केरल हाईकोर्ट के 3 अक्टूबर 2023 के आदेश के मद्देनजर केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप से सांसद मोहम्मद फैजल पी.पी. को उनकी दोषसिद्धि की तारीख 11 जनवरी 2023 से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाता है. बता दें कि यह दूसरी बार है जब फैजल को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया है.
पहले 25 जनवरी को सस्पेंड हुए थे फैजल
इससे पहले फैजल को 25 जनवरी 2023 को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था. दरअसल, कावारत्ती की एक सेशन कोर्ट ने फैजल और तीन अन्य को पी सलीह की हत्या की कोशिश के आरोप में दोषी ठहराया था और चारों को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद लोकसभा ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी. हालांकि, बाद में केरल हाई कोर्ट ने फैजल की दोषसिद्धि और सजा को सस्पेंड कर दिया था. ऐसे में 29 मार्च को लोकसभा ने फैजल की सदस्यता बहाल कर दी थी.
'सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था केरल HC का फैसला'
उसके बाद अगस्त में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. SC ने केरल हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को केरल HC के फैसले को 'गलत' करार दिया था और फैजल की सजा को निलंबित करने वाले फैसले को रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के प्रयास मामले में सजा बहाल कर दी थी. शीर्ष अदालत ने लोकसभा सदस्य के रूप में फैजल के स्टेटस को तीन सप्ताह के लिए अस्थायी रूप से सुरक्षित रखा था. ऐसे में फैजल के लोकसभा से फिर अयोग्य होने की तलवार लटक गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को वापस केरल हाई कोर्ट भेज दिया था और इस अवधि के भीतर फैजल के दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग पर नए सिरे से निर्णय लेने को कहा था.

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