
प्लेट तोड़ी-दी गालियां...पूरे सीजन फरहाना भट्ट ने मचाया हंगामा, फिर भी क्यों हाथ से निकल गई ट्रॉफी?
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फरहाना भट्ट ने पूरे सीजन अपने फायर बोल का ढंका बजाया लेकिन बावजूद इसके वो गौरव खन्ना से बिग बॉस 19 की ट्रॉफी हार गईं. ऐसा क्यों हुआ आखिर, कि टॉप 2 में पहुंचकर भी वो जीत की हकदार नहीं बन पाईं. आइये जानते हैं.
बिग बॉस सीजन 19 का अंत हो चुका है. शो को उसका विनर गौरव खन्ना मिल गया है. जीत की ट्रॉफी भले ही गौरव के सिर सजी हो लेकिन सीजन कश्मीर की कली फरहाना भट्ट के नाम से ही जाना जाएगा. ये तो तय है! क्योंकि घर में इतनी उथल-पुथल करना और फिर भी डटे रहना, ये दम सिर्फ फरहाना ही रखती हैं. टॉप 2 में आकर, सलमान खान के बगल में खड़े होकर भी वो जीत की हकदार नहीं बन पाईं, ऐसा क्यों आइये जानते हैं.
पूरे सीजन में अगर किसी ने घर का माहौल हिला-डुला कर रखा, तो वो थीं फरहाना भट्ट. उनसे खाने की प्लेट छीनी गई, फरहाना ने खुद प्लेट तोड़ी भी, उनका गुस्सा, किसी को भला बुरा कहना, तेज रिएक्शन, झगड़ों में कूदने का अंदाज और हर मुद्दे पर अपनी राय ठोक कर रखने की आदत ने उन्हें सीजन की सबसे विवादित कंटेस्टेंट बना दिया. लेकिन वही हाई-वोल्टेज पर्सनालिटी आखिर में उनके लिए भारी पड़ गई- और वो बिग बॉस 19 की ट्रॉफी से चूक गईं.
लगातार बवाल ने इमेज को किया कमजोर
फरहाना की सबसे बड़ी ताकत- उनका आक्रामक और दमदार अंदाज था, आखिर में ये उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गई. फैंस को शुरू में उनका 'फियरलेस' स्वभाव पसंद आया, लेकिन सीजन आगे बढ़ते-बढ़ते यही एटीट्यूड ओवर-द-टॉप लगने लगा. हर झगड़े में शामिल होना, लड़ाई को लंबा खींचना और दूसरों को ट्रिगर करना- इससे उनकी नेगेटिव इमेज बनती चली गई.
घरवालों के साथ रिश्ते बिगड़ते गए
रियलिटी शो में रिश्ते भी गेम का हिस्सा होते हैं. लेकिन फरहाना अपने तेज और हावी होने वाले रवैये की वजह से घरवालों के साथ मजबूत बॉन्ड नहीं बना पाईं. अक्सर घरवाले भी मानते थे कि- फरहाना बहुत रिएक्टिव हैं, उन्हें बात बढ़ाने की आदत है, और वो किसी की सुनने के बजाय टकराव चुनती हैं. ये चीजें दर्शकों के वोटों पर सीधे असर डालती हैं.













