प्रवासी मजदूरों का मामलाः SC ने केंद्र को फटकारा- आप आज हलफनामा दाखिल कर रहे हैं?
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लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों को रही समस्याओं पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन की धीमी प्रक्रिया को लेकर नाराजगी जाहिर की.
लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों को हो रही समस्याओं पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. सोमवार को हुई सुनवाई में हलफनामा दाखिल करने में हुई देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि आपको सुनवाई से एक दिन पहले हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन आपने इसे अभी किया है. इसके अलावा प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन की धीमी प्रक्रिया को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगार और प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. अगर उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है तो उन्हें योजनाओं का फायदा नहीं मिल सकता. कोर्ट ने कहा कि अभी कामगारों को सरकार के पास जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ रहा है, लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार मजदूरों के पास जाए और उनका रजिस्ट्रेशन करे.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.