
प्रयागराज: डेंगू मरीज की मौसंबी के जूस से नहीं बल्कि इस कारण से हुई मौत, जांच रिपोर्ट में खुलासा
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प्रयागराज में डेंगू के मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर प्लेटलेट्स में मौसंबी का जूस मिलने का आरोप लगाया था. जिसके बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. जिसकी जांच रिपोर्ट आ गई है.
प्रयागराज के झलवा में एक प्राइवेट अस्पताल में प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने के बाद डेंगू के मरीज की मौत मामले में जांच रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें मौसंबी के जूस के आऱोपों से इनकार किया गया है. दरअसल, मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर प्लेटलेट्स में मौसंबी का जूस मिलने का आरोप लगाया था. जिसके बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. जिसकी जांच रिपोर्ट आ गई है.
जानकारी के मुताबिक इस जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि डेंगू मरीज को मौसंबी का जूस नहीं, बल्कि पुअर्ली प्रिजर्व प्लेटलेट चढ़ाया गया. यानि की मरीज को जो प्लेटलेट्स चढ़ाए गए थे, उन्हें अस्पताल द्वारा सही से प्रजर्व नहीं किया गया था. जिसके कारण मरीज की मौत हुई है. वहीं पीड़ित पक्ष ने प्रशासन पर मामले में लीपापोती करने का आरोप लगाया है.
ये है पूरा मामला
बता दें कि प्रदीप पांडे नाम के मरीज को 17 अक्टूबर को तबीयत बिगड़ने के बाद प्रयागराज के ग्लोबल हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया था. परिजनों का दावा है कि डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें प्लेटलेट्स की जरूरत है. इसके बाद वे डॉक्टरों की बताई जगह से प्लेटलेट्स लेकर आए. इसके बाद जब ये प्लेटलेट्स (कथित मौसम्बी का जूस) मरीज को चढ़ाया गया, तो उसकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद मरीज को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां 19 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई. अस्पताल के मालिक का दावा है कि ये प्लेटलेट्स दूसरे अस्पताल से लाई गईं थीं. मरीज को रिएक्शन के बाद इसे चढ़ाना बंद कर दिया गया.
स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया था अस्पताल
उधर, जब मामले ने तूल पकड़ा तो आरोपी निजी अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने 20 अक्टूबर को ही सील कर दिया था. प्रयागराज पुलिस ने अगले दिन नकली प्लेटलेट्स बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था. गिरोह के 10 लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेजा गया है.

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