'पूर्व मंत्रियों के PA चला रहे पार्टी...', बीजेपी नेता गौरव वल्लभ का कांग्रेस पर तीखा हमला
AajTak
भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने (जयराम रमेश) स्कूल में क्लास मॉनिटर के पद के लिए भी कभी चुनाव नहीं लड़ा है, वह सिर्फ कुछ पत्रकारों को बुलाते हैं और प्रतियां प्रकाशित करवाते हैं. इसके अलावा गौरव वल्लभ ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि उनमें से कुछ को पता ही नहीं है कि उत्तर प्रदेश और बिहार अलग-अलग राज्य हैं.
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए गौरव वल्लभ ने जयराम रमेश का नाम लिए बिना कहा कांग्रेस का घोषणापत्र पिछले 30 वर्षों से उस व्यक्ति द्वारा तैयार किया जा रहा है, जिसने क्लास मॉनिटर का चुनाव भी नहीं लड़ा है. गौरव वल्लभ ने कहा कि जब मैं कॉलेज में था तो वह एक (जयराम रमेश) प्रवक्ता के तौर पर पार्टी का बचाव करते थे. आज भी वह पार्टी के संचार के प्रभारी हैं, उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के पीए चला रहे हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक गौरव वल्लभ ने जयराम रमेश पर जमकर निशाना साधा. गौरव वल्लभ ने जयराम रमेश का नाम लिए बिना कहा कि अगर घोषणापत्र में उनके विचारों में ताकत और योग्यता होती तो कांग्रेस लोकसभा में सिर्फ 52 सीटों पर नहीं सिमटती. गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस नेता की पार्टी के प्रति कोई विचारधारा या प्रतिबद्धता नहीं है, क्योंकि उन्हें केवल अपनी राज्यसभा सीट को बचाने की फिक्र है. बता दें कि जयराम रमेश कांग्रेस के महासचिव और संचार प्रभारी हैं.
जयराम रमेश का नाम लिए बिना साधा निशाना
भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने (जयराम रमेश) स्कूल में क्लास मॉनिटर के पद के लिए भी कभी चुनाव नहीं लड़ा है, वह सिर्फ कुछ पत्रकारों को बुलाते हैं और प्रतियां प्रकाशित करवाते हैं. इसके अलावा गौरव वल्लभ ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि उनमें से कुछ को पता ही नहीं है कि उत्तर प्रदेश और बिहार अलग-अलग राज्य हैं. उन्होंने बताया कि ये कांग्रेस कैंडिडेट्स के ज्ञान का स्तर है.
गौरव ने गिनाईं कांग्रेस की कमियां
भाजपा नेता ने कहा कि वह इस विचार के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे कि पार्टी नए नेताओं के महत्वाकांक्षी विचारों का स्वागत करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस तरह के नये विचारों को बाधा मानती है. गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को परेशान करने वाले मुद्दों को समझने में असमर्थ है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पूर्व पार्टी 'नए भारत' की आकांक्षाओं और दिशाओं से जुड़ने में असमर्थ रही.
एग्जिट पोल का अनुमान बताता है कि बीजेपी और महायुति को जितनी सीटों पर जीतने की उम्मीद थी, वो पूरी होती नहीं दिख रही है. एग्जिट पोल में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से बीजेपी को 20-22, कांग्रेस को 3-4, शिवसेना (ठाकरे गुट) को 9-11, शिवसेना (शिंदे गुट) को 8-10, एनसीपी (शरद पवार) को 4-5 और एनसीपी (अजित पवार) को 1-2 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है.
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने पिछले महीने एक मीटिंग में अधिकारियों से हैदराबाद में लेक व्यू सरकारी गेस्ट हाउस जैसी इमारतों को 2 जून के बाद अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया था, जिन्हें 10 साल की अवधि के लिए आंध्र प्रदेश को दिया गया था. विभाजन के दौरान हैदराबाद को दस साल के लए दोनों राज्यों की राजधानी बनाई गई थी.