
पूरी कैबिनेट के साथ जब राम मंदिर पहुंचे CM योगी तब ऐसे किया गया क्राउड कंट्रोल
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भक्तों की भीड़ के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपनी पूरी कैबिनेट के साथ अयोध्या पहुंचे. इस सबके बीच भीड़ को काबू करना पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती थी.
अयोध्या में रविवार को मौसम का मिजाज बदला–बदला नजर आया. शहर में सूर्य की तपिश पहले से थोड़ी बढ़ी हुई दिखाई दी साथ ही राम मंदिर में भगवान राम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का रेला भी अयोध्या में अधिक दिखाई दिया. प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब से राम मंदिर भक्तों के लिए खोला गया है तब से दर्शनार्थियों की भीड़ लगातार भगवान राम के दर्शन करने जुट रही है. इस बीच रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी पूरी कैबिनेट के साथ भगवान राम के दर्शन करने राम मंदिर पहुंचे.
भक्तों की भीड़ के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपनी पूरी कैबिनेट के साथ अयोध्या पहुंच रहे थे. सीएम योगी, उनके कैबिनेट के सदस्य और विधायकों को भी भगवान के दर्शन और पूजा पाठ करना था. इस सबके बीच भीड़ को काबू करना पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती थी. इससे निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने क्राउड कंट्रोल करने के लिए राम मंदिर की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग यानी की दर्शन मार्ग पर एक के बाद एक दो बैरियर बनाए और दर्शनार्थियों को टुकड़ों–टुकड़ों में छोड़ा गया.
ऐसा करने का मकसद श्री राम जन्मभूमि मंदिर के अंदर एक साथ अत्यधिक भीड़ इक्कठा होने से रोकना था. इस प्रकार अयोध्या के पुलिस प्रशासन ने सीएम योगी और उनके कैबिनेट के अयोध्या आगमन और राम लला के दर्शन के दौरान भीड़ को सफलता पूर्वक नियंत्रित किया और किसी भी तरह की अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न नहीं होने दिया.
लखनऊ से निकलने के बाद रास्ते में मिलने वाले सभी पुलिस थानों को अलर्ट कर दिया गया था. बस के आगे-आगे पुलिस की स्पेशल टीम एस्कॉर्ट कर रही थी, जबकि संबंधित थाना पुलिस से बिना किसी रोक-टोक बस को आगे लेकर गई. अयोध्या की सीमा में पहुंचने के बाद अयोध्या पुलिस के अधिकारियों की अगवानी में इन सभी को वीआईपी गेट से श्री राम जन्मभूमि मंदिर ले जाया गया और रामलला के दर्शन कराए गए. विधायक, मंत्री और सीएम योगी रामलला की दोपहर में होने वाली आरती में भी शामिल हुए.
लोकसभा चुनाव से पहले योगी कैबिनेट का अयोध्या धाम दौरा काफी अहम माना जा रहा है. लखनऊ से बसों के जरिए विधायकों को लाया गया था.

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