पुलिस की थ्योरी पर विवाद, पीड़िता के परिजनों का दर्द... लखीमपुर खीरी कांड के अनसुलझे सवाल
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लखीमपुर कांड में पुलिस की एक थ्योरी चल रही है. उस थ्योरी के मुताबिक दोनों सगी बहनें बाइक सवार आरोपियों को पहले से जानती थीं. दूसरा वर्जन परिवार का है जहां पर कहा गया है कि जबरदस्ती घसीटकर बेटियों को ले जाया गया. ऐसे ही दावों से यह मामला उलझा हुआ दिख रहा है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. पुलिस ने दावा जरूर किया कि उसने 24 घंटे के अंदर मामले को सुलझा दिया, लेकिन उन दावों पर एक नहीं कई सवाल हैं. ये सवाल परिवार वालों के हैं, पत्रकारों के हैं. मतलब जमीनी हकीकत जो है वह पुलिस थ्योरी से पूरी तरह मैच नहीं खा रही. इस पूरे मामले में इस समय दो वर्जन चल रहे हैं, एक वो जो पुलिस दिखा रही है और दूसरा वो जहां पर पीड़ित का परिवार लगातार न्याय की गुहार लगा रहा है. पूरे मामले में विस्तृत तरीके से समझेंगे, लेकिन सबसे पहले मामले के बड़े अपडेट जान लेते हैं.
न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपी
दो नाबालिग बहनों से रेप कर उनकी हत्या करने वाले मामले में 6 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. एक आरोपी जुनैद अभी घायल है.
इससे पहले गुरुवार को दोनों नाबालिग बहनों का प्रशासन के कहने पर परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया था. इस मामले में पुलिस ने अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इसमें जुनैद, सुहैल, आरिफ, हफीजुररहमान, करीमुद्दीन और छोटू के नाम शामिल हैं.
(लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी)
अब ये तो मामले में जो पुलिस द्वारा जांच की गई है, उसका लेखा-जोखा है. लेकिन परिवार वालों का वर्जन समझना जरूरी हो जाता है. इस पूरे मामले में विवाद इस बात पर भी चल रहा है कि दोनों नाबालिग लड़कियां उन आरोपियों को पहले से जानती थीं या नहीं.
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