
पुतिन-बुश की 24 साल पुरानी सीक्रेट चैट आई सामने, पाकिस्तान को लेकर जताई थी चिंता
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16 जून 2001 को स्लोवेनिया में पुतिन और बुश के बीच पहली बैठक 16 जून 2001 को हुई थी. इस दौरान पुतिन ने कहा था कि पाकिस्तान केवल एक सैन्य शासन है, जिसे परमाणु हथियार मिल गए हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश के बीच की 2001 की बातचीत के ट्रांसक्रिप्ट को हाल ही में सार्वजनिक किया गया है. इस बातचीत में पुतिन ने पाकिस्तान को लेकर चिंता जताई.
इस बातचीत को अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव ने सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम के तहत सार्वजनिक किया है. बुश और पुतिन के बीच 2001 से 2008 तक हुई बैठकों और टेलीफोन बातचीत के ट्रांसक्रिप्ट सार्वजनिक कर दिए गए हैं, जिनसे अमेरिका और रूस संबंधों का पता चलात है. जहां दोनों देशों के बीच 9/11 हमले के बाद की दोस्ती का पता चलता है. लेकिन धीरे-धीरे यह अविश्वास, टकराव और परमाणु चेतावनियों तक पहुंचती है.
इन दस्तावेजों से साफ है कि व्लादिमीर पुतिन 2001 में जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के बेहद करीबी सहयोगी थे. दोनों नेताओं की प्राथमिकता आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर थी. बुश के लिए अल-कायदा और पुतिन के लिए चेचन विद्रोही टारगेट पर थे. पुतिन ने चेचन लड़ाकों को सीधे बिन लादेन से जोड़ते हुए कहा कि ये लड़ाके लादेन के स्टूडेंट हैं. जबकि बुश ने इस साझेदारी से प्रभावित होकर पुतिन को वह नेता बताया जिसे वे मुसीबत के समय अपने साथ देखते हैं. इस दौर में रूस ने अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्रवाई को समर्थन दिया और मध्य एशिया में अमेरिकी मौजूदगी पर भी शुरुआती सहमति बनी.
लेकिन राष्ट्रपति पुतिन और जॉर्ज बुश के बीच 16 जून 2001 को स्लोवेनिया में बैठक के दौरान पाकिस्तान का जिक्र हुआ था. इस दौरान पुतिन और बुश ने पाकिस्तान को लेकर चर्चा की और उनके परमाणु कार्यक्रम पर चिंता जताई. पुतिन ने बुश से कहा कि मुझे पाकिस्तान को लेकर चिंता होती है. यहां परमाणु हथियार संपन्न सैन्य शासन है. यहां कोई लोकतंत्र नहीं है. लेकिन इसके बावजूद पश्चिमी देश इनकी कोई आलोचना नहीं करते. हमें इसके बारे में बात करनी चाहिए. इस पर बुश कहते हैं कि मुझे खुशी होगी.

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