पाकिस्तान में हिंसा भड़की, कट्टरपंथियों ने एक पुलिसकर्मी को मार डाला, 800 भारतीय सिख लाहौर में फंसे
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पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं. मंगलवार को सरकार ने तहरीक-ए-लब्बैक के साद रिजवी को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद वहां हिंसा भड़क गई. एक पुलिसकर्मी के मारे जाने की खबर है. वहीं, बैसाखी मनाने पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा पंजाब साहिब पहुंचे 815 भारतीय सिख लाहौर में फंस गए हैं.
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मंगलवार को जबरदस्त हिंसा भड़क गई. इस दौरान कई शहरों में पुलिस और इस्लामिक कट्टरपंथी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई. दरअसल, टीएलपी पिछले कई महीनों से फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से निकालने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है. मंगलवार को टीएलपी के मुखिया साद रिजवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद वहां हिंसा भड़क उठी. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिंसा में एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई है. वहीं टीएलपी ने भी अपने 12 कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा किया है. इस पूरे तनाव के बाद लाहौर में भारी सुरक्षाबल तैनात है. टीएलपी के कार्यकर्ताओं ने भी सड़कें जाम कर रखी हैं. जिससे वहां 800 से ज्यादा भारतीय सिख फंस गए हैं.पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक 71 वर्षीय खान ने कई बार दावा किया है कि 49 वर्षीय बुशरा बीबी को टॉयलेट क्लीनर में मिलाकर खाना दिया जाता था. प्रवक्ता ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले उन्हें ब्लड प्रेशर और डायबटीज सहित कोई समस्या नहीं थी. उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा, ''गिरफ्तारी के बाद से बुशरा बीबी की तबीयत खराब हो गई है, कुछ तो हुआ होगा.''
न्यूजर्सी की ही रहने वालीं 54 साल की लीसा पिसानो को हार्ट फैल्योर और किडनी की लास्ट स्टेज की बीमारी थी. उन्हें नियमित डायलिसिस की जरूरत होती थी. लंबे समय से लीसा हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट कराने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन अमेरिका में अंगदान करने वालों की कमी होने के कारण उन्हें ऑर्गन नहीं मिल पा रहे थे.