पहले पूर्व CM, फिर पीएम मोदी और अब धनखड़... पुराना है कल्याण बनर्जी का विवादित टिप्पणी का रिकॉर्ड
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66 वर्षीय पूर्व वकील से नेता बने ने पश्चिम बंगाल के कल्याण बनर्जी नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर अक्सर निशाने पर रहे हैं. उन्होंने इससे पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी टिप्पणी की है. वहीं जब जगदीप धनखड़ बंगाल के राज्यपाल थे, तब भी बनर्जी ने उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने को लेकर निशाना पर आए टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी का विवादों से पुराना नाता है. राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने का उनका पुराना इतिहास रहा है. दरअसल, सांसदों के निलंबन की निंदा करते हुए मंगलवार को संसद की सीढ़ियों पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के दौरान बनर्जी ने धनखड़ की नकल की. इस कृत्य की सत्तारूढ़ बीजेपी ने तीखी आलोचना की. वहीं धनखड़ ने भी राज्यसभा में इस पर कड़ी आपत्ति जताई.
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा धनखड़ की नकल करने को लेकर विवाद बुधवार को तूल पकड़ गया. इसकी गूंज संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह सुनाई दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना पर निराशा व्यक्त की है. राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने सदन में कहा कि वह संसद या उपराष्ट्रपति के संवैधानिक पद का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. जवाब में, बनर्जी ने स्पष्ट किया कि मंगलवार को संसद परिसर में अपने कार्यों से उनका किसी को ठेंस पहुंचाने का इरादा नहीं था.
अक्सर निशाने पर रहते हैं कल्याण बनर्जी
न्यूज एजेंसी के मुताबिक 66 वर्षीय पूर्व वकील से नेता बने ने पश्चिम बंगाल के कल्याण बनर्जी नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर अक्सर निशाने पर रहे हैं. उन्होंने इससे पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी टिप्पणी की है. वहीं जब जगदीप धनखड़ बंगाल के राज्यपाल थे, तब भी बनर्जी ने उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी.
2009 में पूर्व सीएम की आलोचना कर चर्चा में आए
छात्र राजनीति में स्नातक और कानून स्नातक बनर्जी, ममता बनर्जी के वफादार समर्थक रहे हैं. वह पहली बार 2001 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा के सदस्य बने. पश्चिम बंगाल में सेरामपुर लोकसभा सीट से तीन बार सांसद बनर्जी पहली बार 2009 में निशाने पर आए थे. तब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के शहर के सांस्कृतिक केंद्र नंदन में बिताए गए समय की आलोचना की थी.
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