
पहले जनगणना, फिर परिसीमन... तब जाकर मिलेगा महिला आरक्षण, लग जाएंगे इतने साल!
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27 साल से अटक रहा महिला आरक्षण बिल आखिरकार लोकसभा में पेश हो ही गया. इसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. लेकिन इस बिल के लागू होने पर संशय बना हुआ है. कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि 2024 में आरक्षण लागू हो ही नहीं सकता.
संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया गया है. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' नाम से इस बिल को पेश किया.
सरकार ने इसे ऐतिहासिक बताया है. बिल पेश होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक पावन शुरुआत हो रही है. अगर सर्वसम्मति से कानून बनेगा, तो इसकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.
फिलहाल इस बिल को लोकसभा में पेश किया गया है. बाद में इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. उम्मीद है कि इस बार ये बिल पास हो जाएगा. लेकिन बिल पास होने के बाद ये लागू कब से होगा? इसे लेकर संशय बना हुआ है.
विपक्षी पार्टियों ने इसे जुमला बताया है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दावा किया कि महिला आरक्षण बिल में साफ लिखा है कि ये बिल परिसीमन पूरा होने के बाद लागू होगा. लिहाजा किसी भी कीमत में 2029 से पहले ये महिला आरक्षण लागू नहीं हो सकता. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी यही कहा कि 2024 के चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन होने की उम्मीद नहीं है.
कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया साइट X पर लिखा, 'जनगणना के बाद ही ये बिल लागू होगा. 2021 की जनगणना अब तक नहीं हुई है. 2027 या 2028 में जनगणना होगी. उसके बाद परिसीमन की प्रक्रिया होगी और तब जाकर महिला आरक्षण बिल लागू होगा.'
फिलहाल इस बिल पर बुधवार को लोकसभा में चर्चा होगी. और उसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. लेकिन ये बिल कब लागू होगा? इस पर सरकार की ओर से अब तक कुछ कहा नहीं गया है.

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