
न जीतूंगा न जीतने दूंगा....रवींद्र भाटी, हीना शहाब, पवन सिंह ने कहां-किनका बिगाड़ा खेल
AajTak
लोकसभा चुनाव नतीजों के बीच कुछ नेता ऐसे रहे जिन्होंने 'न जीतूंगा न जीतने दूंगा' के नारे को साकार कर दिखाया. राजस्थान की बाड़मेर सीट से रवींद्र सिंह भाटी, बिहार की सिवान लोकसभा सीट से हीना शहाब, और बिहार की ही काराकाट से पवन सिंह भले ही चुनाव में हार गए लेकिन इन तीनों ने अपनी-अपनी सीटों पर दूसरें दलों के नेताओं का खेल जरूर खराब कर दिया.
लोकसभा चुनाव 2024 का जनादेश आ चुका है. बीजेपी 240 सीटों के साथ लगातार तीसरी बार सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली NDA 292 सीटें जीतने में सफल रहीं हैं. वहीं, कांग्रेस के खेमे वाली INDIA ब्लॉक को 234 सीटें मिली हैं. जल्द ही नई सरकार की तस्वीर साफ हो जाएगी. लेकिन, चुनाव नतीजों के बीच कुछ नेता ऐसे भी रहे जिन्होंने 'न जीतूंगा न जीतने दूंगा' के नारे को साकार कर दिखाया. ऐसे ही नेताओं की लिस्ट में राजस्थान की बाड़मेर सीट से रवींद्र सिंह भाटी, बिहार की सिवान लोकसभा सीट से हीना शहाब, और बिहार की ही काराकाट से पवन सिंह का नाम शामिल है. इन तीनों निर्दलीय नेताओं को भले ही आम चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा लेकिन इन्होंने अपनी-अपनी सीट पर दूसरों दलों का खेल जरूर बिगाड़ दिया.
पवन सिंह ने बिगाड़ा उपेंद्र कुशवाहा की खेल भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के पावर स्टार कहे जाने वाले पवन सिंह बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से चुनावी किस्मत आजमा रहे थे. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. पवन सिंह को भले ही काराकाट से हार हाथ लगी, लेकिन इस चुनाव में भोजपुरी पावर स्टार ने एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा का खेल जरूर खराब कर दिया. दरअसल, पवन सिंह बिहार की काराकाट सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे. इस सीट पर एनडीए की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा मैदान में थे, तो वहीं CPI-ML ने राजा राम सिंह को टिकट दिया था. पवन सिंह के उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया. जिसके कारण उपेंद्र कुशवाहा का खेल खराब हो गया और CPI-ML के राजा राम सिंह चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
वोटों की बात करें तो काराकाट से राजा राम सिंह 3,80,581 वोट पाने में कामयाब रहे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी पवन सिंह को एक लाख वोटों के अधिक अंतर से हरा दिया. निर्दलीय के रूप में चुनाल लड़ रहे पवन सिंह 2,74,723 वोट पाने में सफल रहे और एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा को इसका नुकसान उठाना पड़ा. कुशवाहा 2,53,876 वोट पाने में कामयाब जरूर रहे लेकिन उन्हें तीसरा स्थान प्राप्त हुआ. कुल मिलाकर काराकाट सीट पर पवन सिंह उपेंद्र कुशवाहा के लिए वोटकटवा साबित हुए. त्रिकोणीय मुकाबले में पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा का खेल खराब कर दिया और CPI-ML के राजा राम सिंह काराकाट सीट निकालने में सफल रहे.
सिवान से शहाबुद्दीन की पत्नी ने बिगाड़ा गेम आम चुनाव 2024 में सिवान के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर में मैदान में थीं. वहीं, आरजेडी ने इस सीट से अवध बिहारी चौधरी को, तो जनता दल (यूनायटेड) ने विजयलक्ष्मी देवी को टिकट दिया था. JD(U) की विजयलक्ष्मी देवी सिवान सीट निकालने में सफल रहीं. जबकि निर्दलीय उम्मीदवार हीना शहाब ने दूसरा स्थान हासिल किया. विजयलक्ष्मी 3,86,508 वोट पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब को 92 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया. सिवान से आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी महज 1,98,823 वोट पाकर तीसरे स्थान पर खिसक गए. मतलब, कभी राजद के नेता रहे मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब ने इस सीट पर लालू यादव के उम्मीदवार का न सिर्फ खेल खराब किया बल्कि अवध बिहारी चौधरी को तीसरे स्थान पर पहुंच दिया.
नहीं चला भाटी का जादू, लेकिन बिगाड़ मोदी के मंत्री का गणित बिहार की सिवान और काराकाट जैसा ही हाल राजस्थान की बाड़मेर लोकसभा सीट का रहा. यहां से कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल को जीत मिली. लोकसभा चुनाव 2024 में उम्मेदाराम को 7,04,676 वोट मिले. उन्होंने यहां से अपने सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी एवं निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी को 1,18,176 वोटों से हरा दिया. 26 साल के विधायक रविंद्र सिंह भाटी को इस आम चुनाव में 5,86,500 वोट मिले जबकि यहां से बीजेपी नेता एवं मैजूदा केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी महज 2,86,733 वोट पाने में कामयाब रहे. कैलाश चौधरी की हार का अंतर 4,17,943 रहा. जबकि रविंद्र सिंह भाटी को अकेले 5,86,500 वोट मिले. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि राजस्थान की बाड़मेर लोकसभा सीट पर मैजूदा विधायक (शिव सीट से) एवं निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी ने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रहे कैलाश चौधरी की खेल खराब कर दिया.
आपको बता दें कि बाड़मेर लोकसभा सीट पर 1957 से 2014 तक हुए कुल 15 लोकसभा चुनाव में 9 बार कांग्रेस का कब्जा रहा, जबकि 2 बार बीजेपी, 1 बार निर्दलीय, 1 बार बीएलडी, 1 बार आरआरपी और 1 बार जनता दल ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया. कांग्रेस के कर्नल सोनाराम 1996-2004 तक लगातार तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट का असर 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ. देश के कई बड़े एयरपोट्स पर आज सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री परेशान देखे गए. कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगह इंडिगो के काउंटर्स पर सहयोग ना करने की शिकायतें सामने आईं. कंपनी लगातार शेड्यूल में बड़े बदलाव कर रही है. अब तक 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर कुल 571 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं.

हरियाणा में चार मासूमों के सीरियल मर्डर केस ने झकझोर कर रख दिया है. खूबसूरती से जलन, रिश्तेदारों की बच्चियों और अपने ही तीन साल के बेटे तक को पानी में डुबोकर मारने वाली साइको किलर पूनम अब उसी गांव की जेल में है, जहां वह पली-बढ़ी. गिरफ्तारी के बाद से पूनम जेल की बैरक में बेचैनी है. न ठीक से नींद आ रही, ना खाना निगल पा रही है.

टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद जैसे डिजाइन में मस्जिद निर्माण के फैसले ने पश्चिम बंगाल में जोरदार घमासान खड़ा कर दिया है. BJP ने आरोप लगाया है कि यह कदम लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए उठाया जा रहा है. वहीं TMC ने इसे बेबुनियाद करार दिया और दावा किया कि कबीर BJP के इशारे पर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.

दिल्ली के संगम विहार इलाके में मामूली विवाद के चलते दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ स्टूडेंट की चाकू मारकर हत्या कर दी गई. मृतक की पहचान 27 साल के इरशाद के रूप में हुई है, जिसे परिजन गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिवार वालों के आरोप पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है और एक नाबालिग समेत दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया है.



