नाम छोटे असर बड़े...सोशल मीडिया पर छोटे ग्रुप बदल रहे हैं सियासी चर्चाओं की दिशा
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नए ऑनलाइन ग्रुप अब देश में राजनीतिक चर्चाओं की दिशाओं पर खासा असर डाल रहे हैं. India Today Open-Source Investigation (OSINT) टीम ने यह पाया है कि इन छोटो ग्रुप के मेंबर आपसी सहयोग के साथ राजनीतिक तौर पर सेंसटिव और वायरल कैंपेन चलाते हैं.
मौजूदा समय में सोशल मीडिया पोस्ट, ट्रेंडिंग टॉपिक और हैशटैग जनता की भवानाओं के परिचायक हो चले हैं. इसका असर राजनीतिक परिदृश्य या यू कहें राजनीतिक चर्चा पर भी पड़ता है. भारत में राजनीतिक पार्टियों के सोशल मीडिया सेल और आईटी सेल का राजनीतिक प्रचार प्रसार में कुछ समय के लिए एकाधिकार रहा है लेकिन अब यह तेजी से बदल रहा है. नए ऑनलाइन ग्रुप अब देश में राजनीतिक चर्चाओं की दिशाओं पर खासा असर डाल रहे हैं. India Today Open-Source Investigation (OSINT) टीम ने यह पाया है कि इन छोटो ग्रुप के मेंबर आपसी सहयोग के साथ राजनीतिक तौर पर सेंसटिव और वायरल कैंपेन चलाते हैं. ऐसे ग्रुप के तरफ से चलाए गए अभियान दिन के ट्रेंडिंग टॉपिक बनते हैं और ये इतने असरदार होते हैं कि मुख्यधारा की पार्टियों को भी इस अभियान में उतरना ही पड़ता है.पूरे देश में इन दिनों गर्मी अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है. ऐसे में राजस्थान के अलवर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए जहां कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. मंदिरों में कूलर और एसी लगाए गए हैं. वहीं, भगवान के डाइट चार्ट में बदलाव कर दिया गया है. मंदिरों में भगवान को अब रबड़ी, छाछ और ठंडाई का भोग लग रहा है.
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भारत में हो रहे आम चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाक में सब चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव हार जाएं, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तभी बेहतर होंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि पाक में भारत को लेकर नफरत नहीं है, लेकिन वहां (भारत) वो पाकिस्तान को लेकर नफरत पैदा कर रहा है.