नक्सलियों के कब्जे में जवान? फोन कॉल के बाद पत्नी की उम्मीदें बंधी, अब PM मोदी शाह से गुहार
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सूचना का भाव सेना को इस बात पर सोचने के लिए मजबूर कर रहा है कि राकेश्वर सिंह नक्सलियों के कब्जे में हो सकते हैं. यह शक इसलिए भी और गहराता जा रहा है क्योंकि एक स्थानीय पत्रकार को अपुष्ट फोन कॉल आई थी जिसमें राकेश्वर सिंह के नक्सलियों के कब्जे में होने की बात कही गई थी.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बीते शनिवार को हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए थे. अब भी राकेश्वर सिंह मनहास नाम के एक जवान लापता हैं. 35 वर्षीय राकेश्वर सिंह शनिवार को हुए एनकाउंटर के बाद से ही लापता हैं. कहा जा रहा है कि नक्सलियों ने उन्हें बंधक बना लिया है. राकेश्वर सिंह की पत्नी ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से उनकी सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई है. एनकाउंटर के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च आपरेशन चलाया है. सर्च अभियान के दौरान जो इनपुट मिल रहे हैं उससे लगता है कि माओवादियों ने राकेश्वर सिंह को बंधक बना लिया है. सुरक्षाबलों के सूत्रों ने यह माना है कि जिस तरह के इनपुट्स मिल रहे हैं उससे यह इनकार नहीं किया जा सकता कि राकेश्वर सिंह नक्सलियों के कब्जे में हो सकते हैं. हालांकि इसे लेकर नक्सलियों से किसी किस्म के समझौते की बात नहीं हुई है. नक्सलियों की तरफ से कोई भी मांग नहीं की गई है. यह इनपुट इस समय सामने आ रहा है जब गृह मंत्री अमित शाह पहली बार नक्सल प्रभावित इलाके में गए हैं.More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.