
नई दिल्ली सीट पर राहुल गांधी का कैंपेन ही केजरीवाल के प्रति कांग्रेस का स्टैंड साफ करेगा
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नई दिल्ली विधानसभा सीट के समीकरण दिल्ली की स्थानीय राजनीति और देश की राजनीति को तो प्रभावित करेंगे ही, INDIA ब्लॉक में विपक्षी दलों के बीच बैलेंसिंग फैक्टर बनाने में भी अहम रोल निभाने वाले हैं - ऐसे में अरविंद केजरीवाल के प्रति राहुल गांधी का रुख और ज्यादा भी महत्वपूर्ण हो जाता है.
लगता है राहुल गांधी को दिल्ली की राजनीति में मजा आने लगा है. ये 13 जनवरी को हुई सीलमपुर की रैली का ही असर है कि राहुल गांधी दिल्ली के मोर्चे पर फिर से आ डटे हैं. सीलमपुर के बाद सदर बाजार का नंबर आया है, उसके बाद मुस्तफाबाद की बारी है.
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर वैसे तो 23 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन सभी निगाहें तीन हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों पर ही है - आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, बीजेपी के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित. 2020 में नई दिल्ली सीट पर 28 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.
अव्वल तो सुर्खियां अरविंद केजरीवाल और प्रवेश वर्मा के बीच गंभीर आरोप-प्रत्यारोपों को लेकर ही बन रही हैं, लेकिन संदीप दीक्षित के लिए राहुल गांधी के कैंपेन का स्थगित कार्यक्रम भी अलग ही दिलचस्पी जगा रहा है.
खबर आई थी कि राहुल गांधी 20 जनवरी को नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित के पक्ष में पदयात्रा करेंगे. उससे पहले उनका बिहार दौरा होना था. राहुल गांधी ने बिहार का दौरा किया और वहां हुई जातिगत गणना को फर्जी बताकर नई बहस छेड़ दी.
लेकिन, नई दिल्ली सीट पर राहुल गांधी की पदयात्रा को ऐन वक्त पर टाल दिया गया. देखा जाये तो राहुल गांधी का जातिगत गणना पर बयान और नई दिल्ली सीट पर पदयात्रा दोनो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. क्योंकि, दोनो ही चीजें विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के लिए महत्वपूर्ण हो जाती हैं.
जैसे जातिगत गणना को फर्जी बताया जाना तेजस्वी यादव को टार्गेट किया जाना है, वैसे ही संदीप दीक्षित के पक्ष में राहुल गांधी का कैंपेन सीधे सीधे अरविंद केजरीवाल को निशाना बना रहा है.

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