
'धुरंधर' वर्सेज '120 बहादुर'... दर्शकों को पर्दे पर चीन से भिड़ना नहीं, पाकिस्तान को पिटते देखना ज्यादा पसंद है
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थिएटर्स में 'धुरंधर' का भौकाल लगातार चर्चा में है. पहले हफ्ते में ही फिल्म ब्लॉकबस्टर बन चुकी है. पर कुछ ही दिन पहले आई '120 बहादुर' बुरी तरह फ्लॉप हुई थी. 'धुरंधर' में पाकिस्तान को सबक सिखाया जा रहा है. '120 बहादुर' में लड़ाई चीन से थी. पर्दे पर भारत का दुश्मन बदलने से दर्शकों का रिस्पॉन्स क्यों बदल गया?
देशभक्ति के इमोशन में डूबी, दो फिल्में आगे-पीछे रिलीज हुईं. लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इनका हाल एकदम विपरीत रहा. जहां '120 बहादुर' एक गुमनाम योद्धा की तरह कहीं खो गई. वहीं 'धुरंधर' ने थिएटर्स में जैसे तूफान खड़ा कर दिया है. 'धुरंधर' सिर्फ ताबड़तोड़ कमाई ही नहीं कर रही, जमकर चर्चा और भौकाल भी कमा रही है.
दोनों फिल्मों की बॉक्स ऑफिस परफॉरमेंस से तुलना की जा सकती है कि देशभक्ति के अलग-अलग स्टाइल के लिए इंडियन ऑडियंस का हाजमा कैसा है. आंकड़े ये कहानी स्पष्ट बताते हैं कि 'दुश्मन' का सिनेमाई नैरेटिव एक इमोशनल सुकून देता है. इससे कुछ असहज करने वाले सवाल भी खड़े होते हैं.
एक दूसरे से बिल्कुल अलग दो युद्ध फरहान अख्तर की '120 बहादुर' 1962 वाले, रेज़ांग ला के युद्ध पर आधारित है. इस लड़ाई में मुट्ठी भर भारतीय सैनिकों ने चीन सेना के बड़े हमले का सामना किया था. '120 बहादुर' बमुश्किल 20 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर सकी और बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप घोषित हुई. इसकी ओपनिंग सिर्फ 2 करोड़ रही, और 5वें दिन तक थिएटर ऑक्यूपेंसी 15% से भी नीचे चली गई.
फिल्म रेटिंग प्लेटफॉर्म Rotten Tomatoes पर इसे 73% पॉजिटिव रिव्यूज मिले थे. समीक्षकों ने इसे 'एक ईमानदार और तकनीकी रूप से दमदार ट्रिब्यूट' कहा था. पर ये तारीफें, फिल्म की कमर्शियल कामयाबी में नहीं बदलीं.
इसके उलट, रणवीर सिंह की 'धुरंधर' एक तूफान की तरह छा गई है. रिलीज के 6 दिन में ही इसने वर्ल्डवाइड 230 करोड़ रुपये से ज्यादा कमा लिए हैं. और ये आंकड़े लगातार ऊपर ही जा रहे हैं.
दर्शक किस इमोशन के लिए पैसे देते हैं? '120 बहादुर' अपने दर्शकों से बौद्धिक और भावनात्मक परिपक्वता की मांग करती है. यह दर्शकों से देश की एक ऐतिहासिक हार का सामना करने को कहती है. 1962 का युद्ध भारत के लिए एक राष्ट्रीय अपमान जैसा था. '120 बहादुर' अपने दर्शक से, एक ग्लोबल पावर से युद्ध की जटिलताओं को समझने की कोशिश चाहती है. आपको स्वीकार करना होगा कि बहादुरी भरे बलिदानों के बावजूद कभी-कभी रणनीतिक पराजय अपरिहार्य होती है.

थिएटर्स में 'धुरंधर' का भौकाल लगातार चर्चा में है. पहले हफ्ते में ही फिल्म ब्लॉकबस्टर बन चुकी है. पर कुछ ही दिन पहले आई '120 बहादुर' बुरी तरह फ्लॉप हुई थी. 'धुरंधर' में पाकिस्तान को सबक सिखाया जा रहा है. '120 बहादुर' में लड़ाई चीन से थी. पर्दे पर भारत का दुश्मन बदलने से दर्शकों का रिस्पॉन्स क्यों बदल गया?












