दो साधु, बच्चा चोरी की अफवाह और कैसे मुस्तैद पुलिस ने पालघर पार्ट-2 होने से रोक लिया
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महाराष्ट्र में पुलिस की सतर्कता से दो साधु बाल-बाल बच गए. पुलिस ने अगर त्वरित प्रतिक्रिया नहीं दिखाई होती है तो तीन साल बाद एक बाऱ फिर पालघर-कांड दोहरा दिया जाता और ये वारदात पालघर-2 बन सकती थी. भिक्षा मांग रहे दो साधुओं को लेकर बच्चा चोर की अफवाह फैल गई थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें सुरक्षित बचा लिया.
महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक और साधु हत्याकांड होने से बच गया. पुलिस ने सतर्कता दिखाई और दो साधुओं को अफवाहग्रस्त भीड़ का शिकार होने से बचा लिया.असल में जिले के एक गांव में दो साधु भिक्षाटन कर रहे थे. इसी दौरान यह अफवाह फैल गई कि साधु वेश में बच्चा चुराने वाले हैं. अफवाह के जोर पकड़ते ही भीड़ जुटने लगी, लेकिन इसी दौरान पुलिस को भी इसकी खबर मिल गई. जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों साधुओं को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया. पुलिस ने गांव वालों की भीड़ को समझा-बुझाकर वापस लौटाया और साधुओं को वहां से सुरक्षित निकाल लिया.
पुलिस ने लोगों को समझाया मामला पालघर जिले के वनगांव थाना स्थित चंद्रनगर गांव का है. इलाके में दो साधु भिक्षा मांगने आए थे. इसी बीच कहीं से ये अफवाह फैल गई कि इलाके में साधु वेश में बच्चा चोर घूम रहे हैं. इसकी वजह से गांव वालों ने दोनों साधुओं को घेर लिया था. तीन साल पहले अप्रैल 2020 में लघर जिले के गढ़चिनचले गांव में साधु हत्याकांड के बाद पुलिस प्रशासन ने जागरूकता अभियान चलाया है. इस अभियान के तहत पालघर पुलिस प्रशासन के माध्यम से गांवों में जाकर अफवाह व फर्जीवाड़े को लेकर लोगों को जागरूक कर रही है. इसी अभियान के चलते चंद्रननगर में हुई इस घटना के बाद स्थानीय नागरिकों ने तुरंत ही पुलिस को घटना की जानकारी दी और बताया कि दो साधुओं का जनता ने घेराव कर लिया है. पालघर के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल और वनगांव थाना प्रभारी संदीप काहले ने नागरिकों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की है.
क्या हुआ था पालघर में ? महाराष्ट्र के पालघर जिले में 16 अप्रैल 2020 को ये घटना हुई थी. यहां बच्चा चोरी के शक में दो साधु समेत 3 लोगों की बेरहमी से पिटाई की गई थी. भीड़ ने 70 साल के साधु कल्पवृक्ष गिरी और 35 साल के साधु सुशील गिरी के साथ उनके ड्राइवर नीलेश तेलगाडे की हत्या कर दी थी. पुलिस ने इस मामले में करीब 250 लोगों को गिरफ्तार किया था. दोनों साधु अपनी गाड़ी से मुंबई से सूरत जा रहे थे तभी पालघर के गढ़चिंचले गांव में भीड़ ने उनकी हत्या कर दी थी.
सितंबर 2022 में सांगली में हुई थी पालघर जैली घटना महाराष्ट्र के सांगली जिले में भी पालघर जैसी घटना हुई थी. यहां सितंबर 2022 में बच्चा चोरी करने के शक में भीड़ ने चार साधुओं पर हमला कर दिया. इस घटना का वीडियो वायरल हो गया. हालांकि इसके बावजूद साधुओं ने इस पर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. यह घटना जाट तहसील के लवंगा गांव की थी. यूपी के रहने वाले चार साधु एक कार में कर्नाटक के बीजापुर से पंढरपुर के मंदिर की ओर जा रहे थे. वे गांव में एक मंदिर में रुके थे. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को यात्रा फिर से शुरू करते समय उन्होंने एक लड़के से रास्ता पूछा था. इससे कुछ स्थानीय लोगों को शक हुआ कि वे बच्चों का अपहरण करने वाले गिरोह के सदस्य हैं. अधिकारी ने बताया कि ये बात गांव में तेजी से फैल गई और स्थानीय लोगों ने साधुओं को लाठी-डंडों से पीटा गया था.
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