
दो अंडररेटेड एक्टर, विवाद, पॉलिटिकल मुद्दा... इमरान हाशमी-यामी गौतम की फिल्म को मिलेगा उसका 'हक'?
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इमरान हाशमी और यामी गौतम की फिल्म 'हक' शुक्रवार को रिलीज होने जा रही है. इसके ट्रेलर को दर्शकों से पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला था. फिल्म में काफी कुछ ऐसा है जो इसे दर्शक दिलाने में मदद कर सकता है. मगर क्या ये बॉक्स ऑफिस के मीटर पर खरी उतरेगी?
इमरान हाशमी और यामी गौतम की फिल्म 'हक' शुक्रवार को थिएटर्स में रिलीज होने जा रही है. नवंबर के महीने में अभी तक बॉलीवुड से कोई बड़ी फिल्म नहीं रिलीज हुई है. 'हक' इस महीने की पहली बड़ी फिल्म है. हालांकि ये उस तरह की फिल्म भी नहीं है जिसका माहौल पहले से बहुत तगड़ा बनता आ रहा हो. फिर भी इस फिल्म में इतना दम तो जरूर है कि अगर शुक्रवार सुबह से इसकी चर्चा शुरू हुई तो दोपहर बाद से ये कुछ कमाल कर सकती है. और इस दम की वजह है फिल्म की कास्ट और इसका मुद्दा, जो विवादों की वजह से चर्चा में भी खूब रहा है.
शाबानो केस की कहानी लेकर आ रही है फिल्म 'हक' की कहानी शाहबानो केस पर बेस्ड है. इस केस ने ही मुस्लिम महिलाओं को तलाक के बाद मिलने वाले मेंटेनेंस का कानूनी अधिकार दिलाया था. 1978 में शाहबानो को उनके पति ने तलाक दे दिया था. कुछ महीने तो उन्हें पति से मेंटेनेंस के नाम पर कुछ राशि मिली. मगर फिर पति ने शाहबानो को मेंटेनेंस देने से इनकार कर दिया. इसके खिलाफ शाहबानो ने कोर्ट में केस किया और हाई कोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचीं. आखिरकार 1985 में सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो के हक में फैसला दिया.
पॉलिटिकल भी है शाहबानो केस सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कई अन्य संगठनों ने विरोध दर्ज करवाया था. इस फैसले के खिलाफ एक मूवमेंट सा खड़ा होने लगा था जो धीरे-धीरे एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया. इस फैसले को मुस्लिम पर्सनल लॉ और शरियत कानून पर एक अटैक की तरह भी देखा गया, जिससे विरोध को बल मिला.
शाहबानो केस का फैसला उस बहस की भी जड़ है जो यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर चलती रहती है. मामला इतना पॉलिटिकल होने लगा था कि तत्कालीन सरकार ने कानून लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बेअसर करने की भी कोशिश की थी. हालांकि, कोर्ट ने बाद के फैसलों में शाहबानो केस के जजमेंट को बरकरार रखा. 'हक' के जरिए ये सारे राजनीतिक मुद्दे फिर से बहस में आ सकते हैं.
'हक' पर हुआ विवाद हाल ही में खुद शाहबानो के परिवार ने 'हक' की रिलीज रोकने की मांग कोर्ट से की थी. शाहबानो की पोती ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में इस मामले पर पिटीशन दी थी. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, उनका आरोप ये था कि परिवार से फिल्म के लिए इजाजत नहीं ली गई. जबकि 'राईट टू प्राइवेसी' के तहत ऐसा होना चाहिए था.
उनकी एक चिंता ये भी थी कि ये केस उनके परिवार का निजी मामला था, मगर फिल्म में इसे एक कमर्शियल एंगल दिया गया है. लोगों को फिल्म की घटनाएं देखकर लग सकता है कि जो स्क्रीन पर दिख रहा है, वो सबकुछ रियल में भी हुआ था. हालांकि, परिवार की शिकायत से दूर, 'हक' अपने शिड्यूल के हिसाब से ही शुक्रवार को रिलीज के लिए तैयार है. यहां देखें 'हक' का ट्रेलर:

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