दुनिया के अन्य देशों में फेसबुक-ट्विटर जैसी सोशल मीडिया को कैसे रेगुलेट करती हैं सरकारें?
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भारत में सरकार ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को लेकर गाइडलाइंस जारी की है. उसके बाद तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. आइए जानते हैं कि अमेरिका समेत बाकी देशों में सोशल मीडिया कैसे रेगुलेट होता है. क्या नियम हैं, क्या संस्थाएं हैं.
फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स आधुनिक युग में अभिव्यक्ति की आजादी का नया माध्यम हैं. दुनिया में इसके करोड़ों यूजर हैं और दुनिया के किसी भी हिस्से में उठे तमाम मुद्दों पर लोग बेबाकी से अपनी राय रखते हैं. गुरुवार को मोदी सरकार ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइंस जारी की और नियमों को सख्त कर दिया. सरकार ने साफ किया कि देश में सोशल मीडिया कंपनियों को कारोबार की छूट है लेकिन इस प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने के उपाय भी करने होंगे. नई गाइडलाइंस के अनुसार आपत्तिजनक कंटेंट को समयसीमा के अंदर हटाना होगा. देश में इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को नियुक्त करना होगा और किसी भी सूरत में इस मामले में 3 महीने में नियम लागू कर दिए जाएंगे. इस ऐलान के बाद इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या सोशल मीडिया पर पाबंदी की कोशिशें हो रही हैं. इस चर्चा के बीच ये जान लेना जरूरी है कि अमेरिका समेत दुनिया के बाकी देशों में सरकारें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को कैसे रेगुलेट करती हैं. उनपर क्या नियम लागू होते हैं. उनपर निगरानी के लिए कौन सी संस्थाएं काम करती हैं. ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि फेसबुक-ट्विटर जैसी अधिकांश सोशल मीडिया कंपनियां अमेरिकी हैं और दुनियाभर में कारोबार करती हैं.अमेरिका के व्हाइट हाउस ने गाजा युद्ध पर बड़ी जानकारी दी. बता दें कि गाजा पर अमेरिका, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा ने संयुक्त बयान दिया है. व्हाइट हाउस के मुताबिक, सभी देशों ने ये माना है कि युद्धविराम के लिए जो भी जरूरी समझौता है, उस पर इजरायल और हमास को काम करना चाहिए. देखें यूएस टॉप-10.
गाजा में इजरायली सुरक्षाबलों और हमास के बीच संघर्ष जारी है. इसी बीच हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों में फिलिस्तीनियों की मौत की संख्या बढ़कर 36,731 हो गई है, जबकि 83,530 लोग घायल हो गए हैं. मंत्रालय ने यह भी बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान इजरायली सुरक्षाबलों के हमलों में 77 लोगों की मौत हो गई.