
दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्री और सचिव के बीच स्वास्थ्य मुद्दों और प्रोजेक्ट्स में देरी को लेकर टकराव
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हेल्थ सचिव ने स्वास्थ्य मंत्री के बयान का खंडन करते हुए कहा कि अपर्याप्त फंड और प्रोजेक्ट कुप्रबंधन दिल्ली के जरूरी स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में बाधा डाल रहे हैं.
दिल्ली (Delhi) के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में चिंता जताए जाने के बाद, हेल्थ सचिव की अगुआई में शहर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नौ पन्नों का विस्तृत नोट जारी किया है. इस जवाब में उन समस्याओं पर बात करने की कोशिश की गई है, जो कथित तौर पर जरूरी हेल्थ प्रोजेक्ट्स में देरी की वजह हैं. सौरभ भारद्वाज के आधिकारिक नोटों में स्टाफ की कमी, दवाओं की कमी और स्वास्थ्य पहलों पर धीमा काम सहित अहम मुद्दों पर बात की गई है.
हालांकि, हेल्थ डिपार्टमेंट का खंडन चुनौतियों के एक बिल्कुल अलग दायरे को दिखाता है. अधिकारियों ने संचालन में बाधा पैदा करने वाले कारण के रूप में फंड की भारी कमी की ओर इशारा किया है. उनका तर्क है कि पर्याप्त वित्तीय संसाधनों के बिना, प्रोजेक्ट्स का इम्प्लीमेंटेशन लगभग नामुमकिन हो जाता है, चाहे वे कितनी भी तात्कालिकता या जरूरी क्यों न हों.
मोहल्ला क्लिनिक प्रोजेक्ट के विवादास्पद इम्प्लीमेंटेशन का भी हवाला दिया गया है. इसके अलावा, कई केंद्र के हेल्थ प्रोजेक्ट्स पर काम नहीं होने को एक बड़ी वहज बताई गई है. हेल्थ डिपार्टमेंट के नोट के मुताबिक, ये योजनाएं स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बनाई गई हैं, लेकिन इनका उपयोग नहीं किया गया है, जिससे दिल्ली के अस्पतालों और क्लीनिक्स में स्वास्थ्य सुविधाओं की खराब स्थिति और भी बदतर हो गई है.
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इस महीने की शुरुआत में हेल्थ सचिव सहित स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से यह नोट दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को संबोधित किया गया था. इंडिया टुडे ने इस डॉक्यूमेंट की एक्सक्लूसिव कॉपी हासिल की है, जो दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र के सामने आने वाली बहुआयामी चुनौतियों पर बात करती है.
1. देरी और बजट की कमी

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