दिल्ली दंगे के आरोपी शरजील इमाम का दावा, जेल के अंदर हमला हुआ, आतंकवादी बताया गया
AajTak
दिल्ली दंगे के आरोपी शरजील इमाम को अपनी जान का खतरा है. उनकी तरफ से दिल्ली की एक अदालत में अर्जी दायर की गई है. उनके मुताबिक जेल के अंदर उन पर हमला किया गया, उन्हें आतंकवादी तक बताया गया.
साल 2020 में हुए दिल्ली दंगे मामले में गिरफ्तार हुए जेएन्यू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने बड़ा दावा कर दिया है. उनका कहना है कि जेल के अंदर उन पर हमला किया गया है, सर्च के नाम पर बदसलूकी की गई और उन्हें आतंकवादी और राष्ट्र विरोधी कहा गया. ऐसे में अपनी जान को खतरा बताते हुए शरजील इमाम ने दिल्ली की अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
शरजील ने अपने वकील अहमद इब्राहिम के माध्यम से कोर्ट में ये अर्जी दायर की है. उनका कहना है कि जेल के अंदर उन पर हमला किया गया है. उनके साथ मारपीट हुई है. आरोप है कि जेल के दूसरे कैदियों ने ही उनके साथ ये बदसलूकी की. उनके कपड़े और किताबों को भी फेंक दिया गया. जब शरजील ने इसका विरोध किया तो उन्हें आतंकवादी और राष्ट्र विरोधी बताया गया.
अभी के लिए दिल्ली की अदालत ने शरजील इमाम की अर्जी को स्वीकार कर लिया है. इस मामले की सुनवाई 14 जुलाई को होने जा रही है. अर्जी के जरिए अपील की गई है कि जेल के अंदर हुई इस घटना का सीसीटीवी फुटेज पूरी तरह सुरक्षित रखा जाए. उस फुटेज के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक हादसे वाले दिन शरजील इमाम के जेल में सहायक अधीक्षक भी गए थे. शरजील की तरफ से मदद की गुहार लगाई गई थी, लेकिन उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया, बल्कि उन्हें आतंकवादी करार दिया गया.
इसी वजह से शरजील इमाम की तरफ से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. ये पहली बार है जब शरजील की तरफ से जेल के अंदर अपनी जान को खतरा बताया गया है. अभी तक पुलिस की तरफ से इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया गया है. जिन पर हमला करने का आरोप लगा है, उन पर भी कोई एक्शन नहीं हुआ है.
जानकारी के लिए बता दें कि शरजील इमाम पर आरोप है कि उन्होंने अपने भाषण में असम को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले संकरे भूभाग यानी चिकेन नेक क्षेत्र को अलग करने की बात कही थी. शरजील के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत भी केस दर्ज किया था.
जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
असम में चक्रवात रेमल के बाद लगातार बारिश के कारण 9 जिलों में बाढ़ की स्थिति से दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. 28 मई से राज्य में बाढ़, बारिश और तूफान में कुल मिलाकर छह लोगों की मौत हो गई है. वहीं मणिपुर का राजभवन भी बाढ़ के पानी से लबालब हो चुका है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात रेमल के बाद पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मणिपुर के राजभवन में जलभराव हो गया है.
बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक बयान दिया है कि उन्होंने धर्म के आधार पर आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर कहीं भी संविधान विरुद्ध कोई कार्य हो रहा है, तो उसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि ओबीसी के आरक्षण का लाभ ले रहे मुस्लिमों की समीक्षा करेंगे. यह बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से आरक्षण प्रणाली के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान है.