
दिल्लीः SC में सुनवाई का लाइव टेलीकास्ट इस महीने से होगा शुरू, ये होगी प्रोसेस
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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का लाइव टेलीकास्ट अगले महीने से शुरू हो सकता है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमणा 26 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि इससे पहले लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था का उद्घाटन हो जाएगा.
अगला महीना सुप्रीम कोर्ट के लिए ऐतिहासिक हो सकता है. क्योंकि देश की सर्वोच्च अदालत में न्यायिक कार्यवाही का लाइव टेलीकास्ट अगस्त से शुरू होने की उम्मीद है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में तैयारियां भी तेज हो गई हैं. सुप्रीम कोर्ट के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले तीन वरिष्ठ कोर्ट यानी कोर्ट नंबर एक, दो और तीन में होने वाली सुनवाइयों का सीधा प्रसारण शुरू किया जाएगा. बाद में इसका विस्तार अन्य कोर्ट तक किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के गुंबद के ठीक नीचे स्थित एक नंबर कोर्ट मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ का अदालत कक्ष होता है. कोर्ट नंबर दो में वरिष्ठता क्रम में चीफ जस्टिस के बाद वाले जज की अगुवाई वाली पीठ बैठती है. इसी तरह अनुक्रम में वरिष्ठता क्रम से जज पीठ की अगुवाई करते हैं.
देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमणा 26 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि इससे पहले लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था का उद्घाटन हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की लाइव सुनवाई किसी चैनल के जरिए नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी. इस प्लेटफार्म को सरकारी एजेंसी NIC संचालित करती है. इसका लिंक कोर्ट की ओर से जारी किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक वास्तविक सुनवाई से कुछ सेकंड देरी से यह वेब पोर्टल पर उपलब्ध होगा. यानी यह प्रसारण वेबसाइट पर कुछ सेकेंड के बाद आ जाएगा, ताकि सुनवाई के दौरान कुछ भी आपत्तिजनक, अनुपयुक्त या गैर जरूरी टिप्पणी या दलील हो तो उसे वेबकास्ट पर जाने से पहले ही हटाया या संपादित किया जा सके.
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का लाइव प्रसारण करने की कवायद 5 साल से ज्यादा समय से चल रही है. 2018 में सुप्रीम कोर्ट में लाइव स्ट्रीमिंग का आदेश भी दिया था. मामला अटॉर्नी जनरल के पास इस आग्रह के साथ भेजा गया, ताकि इसके नियम बनाए जा सकें. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने 2018 में नियम बनाकर कोर्ट को सौंप भी दिए थे.
मार्च 2020 में कोविड संकट के कारण लॉकडाउन लग गया, तब भी इस बात ने जोर पकड़ी कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हो रही है तो क्यों ना लाइव प्रसारण वाले मुद्दे पर फिर से विचार किया जाए. हालांकि बात यहां भी नहीं बनी और सुप्रीम कोर्ट के हर कोर्ट रूम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सिस्टम लगाया गया.

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