दारा शिकोह की कब्र... 350 साल बाद मुगल शहजादे की कब्र की खोज हुई पूरी?
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दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की हेरिटेज सेल में सहायक अभियंता संजीव कुमार सिंह ने दारा शिकोह की कब्र खोजने का दावा किया है. इसका रास्ता उन्हें साल 1688 में मिर्जा काजिम द्वारा फारसी भाषा में लिखे गए 'आलमगीरनामा' ने दिखाया.
इतिहास कई बार अपनी कहानी खुद कहता है. न जाने कहां से कौन सी कहानी सामने आ जाए, क्या पता. मुगल शहजादा जिसको इतिहास में कहीं गुम कर दिया गया था. 350 साल के बाद उसकी गुमनामी अब खत्म हो सकती है. असल में सदियों के बाद दारा शिकोह की कब्र को पहचान मिली है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की हेरिटेज सेल में सहायक अभियंता संजीव कुमार सिंह ने दारा शिकोह की कब्र खोजने का दावा किया है. इसका रास्ता उन्हें साल 1688 में मिर्जा काजिम द्वारा फारसी भाषा में लिखे गए 'आलमगीरनामा' ने दिखाया.
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