दंडधारी से दारोगा तक, जानिए भारत में पुलिस के इतिहास से जुड़ी कुछ अहम बातें
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साल 1781 तक फौजदारों और चौकीदारों को मिलाकर पुलिस की रूपरेखा बनानी शुरु की गई. अंग्रेजों ने इस काम के लिए कुछ सामाजिक प्रयोग भी शुरु किए और कई वर्षों की कसरत के बाद आखिरकार वो पुलिसिंग का आगाज़ करने में कामयाब हो गए.
भारत के आजाद होने से वर्षों पहले ही पुलिस व्यवस्था वजूद में आ गई थी. अंग्रेजों ने जब भारत में सत्ता पर काबिज होना शुरू किया तो विरोधियों के दमन के लिए अपनी बेरहम पुलिस का ही इस्तेमाल किया था. वही पुलिस व्यवस्था देश के आजाद होने के बाद भी लागू है. हालांकि समय-समय पर इसमें फेरबदल भी किए गए. आइए जानते हैं भारत में पुलिस के इतिहास से जुड़ी कुछ अहम बातें.
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